मीडिया सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, अगमकुआं थाना क्षेत्र के कुम्हरार स्थित धनुकी मोड़ के समीप शनिवार की दोपहर एशिया अस्पताल में बदमाशों ने अस्पताल की संचालिका सुरभि राज की गोली मारकर हत्या कर दी। कुछ घंटे बाद जब अस्पताल के कर्मचारी संचालिका के कक्ष में पहुंचे तो देखा कि संचालिका फर्श पर गिरी हैं। शरीर से खून गिर रहा था। कर्मियों ने उनका अपने ही अस्पताल की आइसीयू में रख इलाज प्रारंभ किया। आइसीयू में चिकित्सकों ने देखा कि उन्हें शरीर में तीन-चार गोलियां लगी हैं। सात गोली मारने की चर्चा होती रही। इलाज के दौरान संचालिका का पल्स घटता देख कर्मी एंबुलेंस से एम्स में इलाज के लिए ले गए, जहां चिकित्सकों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। घटना की सूचना दो घंटे बाद मिलने पर पुलिस मामले की जांच में पहुंचे। एफएसएल व श्वान दस्ता की टीम को भी जांच के लिए बुलाया गया है। पुलिस हत्यारे की खोज में जुटी है। हत्यारे कांफ्रेंस से पहले आए थे या बाद में? इस बात की भी पुलिस जांच कर रही है।
मीडिया से प्राप्त जानकारी के अनुसार, घटनास्थल पर पहुंचे सहायक पुलिस अधीक्षक अतुलेश झा ने गहन छानबीन की। कर्मचारियों से पूछताछ के बाद एएसपी ने बताया कि अस्पताल के कर्मियों ने किसी अंजान को निजी अस्पताल में घुसते नहीं देखा। कर्मियों ने एएसपी को बताया कि दिन में लगभग 2:15 से तीन बजे तक एक कमरा में कांफ्रेंस सह प्रशिक्षण चल रहा था। उसमें लगभग एक दर्जन से अधिक लोग शामिल थे। दिन में लगभग तीन बजे प्रशिक्षण समाप्त होने के बाद कमरा से निकलने के बाद एक कर्मी ने अस्पताल निदेशक सह संचालिका सुरभि राज के कमरे का दरवाजा खोल देखा तो आश्चर्यचकित रह गया। कर्मचारी ने देखा कि संचालिका फर्श पर अचेत गिरी थीं। संचालिका को कर्मचारी अपने ही अस्पताल की आइसीयू में ले गए जहां इलाज के दौरान पता चला कि उन्हें 4-5 गोलियां लगी थीं। अस्पताल के समस्त कर्मियों से पुलिस द्वारा पूछताछ करने के बाद बताया कि उन लोगों ने न तो गोली चलने की आवाज सुनी और न ही किसी अपराधी को अस्पताल घुसते या भागते देखा है। एएसपी ने बताया कि घटना के बाद सफाईकर्मी द्वारा फर्श पर गिरे खून को भी साफ कर दिया गया। पुलिस यह जानना चाह रही है कि आखिर फर्श पर गिरे खून को किसने साफ करने को कहा। संचालिका को गोली मारने की सूचना पुलिस को दो घंटे बाद क्यों दी गई। जिस कमरे में संचालिका को गोली मारी गई है वह बहुत ही छोटा है। प्रथम दृष्टया प्रतीत होता है कि संचालिका को शरीर में गोली काफी नजदीक से मारी गई है। पुलिसिया पूछताछ में मृतका संचालिका के पति राकेश रौशन ने बताया है कि घटना के समय वे अस्पताल के बाहरी भाग में खड़े थे। जब पत्नी को एंबुलेंस से ले जाया गया तो वे भी साथ में गए। प्रथम दृष्टया जांच में अस्पताल में लगे क्लोज सर्किट कैमरा में कोई भी संदिग्ध अस्पताल में घुसते नहीं दिख रहा है। थानाध्यक्ष नीरज कुमार पांडे समस्त कर्मियों व मृतका के पति से पूछताछ करते रहे। पुलिस समस्त कर्मियों के मोबाइल की भी जांच कर रही है।
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