बेंगलूरू में राष्ट्रीय वैमानिकी प्रयोगशाला ने परिवहन विमानों में डिजिटल एंटी स्किड ब्रेक प्रणाली को मान्यता दे दी है। यह नई प्रणाली सारस मार्क टू हल्के परिवहन विमानों के लिए विकसित की गई है। इसमें अत्याधुनिक वायर इलैक्ट्रो-हाइड्रोलिक ब्रेक प्रणाली पहली बार देश में विकसित की गई है। इसका परीक्षण तीस नॉट की गति से किया गया ,जो सफल रहा। इस नई ब्रेकिंग प्रणाली से छोटे रनवे पर विमानों को उतारने में सहायता मिलेगी और क्षेत्रीय सम्पर्क बढेगा।
राष्ट्रीय वैमानिकी प्रयोगशाला को केन्द्र सरकार ने 19 सीट वाले सारस मार्क टू हल्के परिवहन विमान की इस परियोजना को जून 2019 में मंजूरी दी थी। भारतीय वायुसेना ने पहले ही ऐसे 15 विमानों को सेना में शामिल करने की प्रतिबद्धता व्यक्त की है। इन विमानों से द्वितीय और तृतीय श्रेणी के शहरों को उडान योजना से जोडने में सहायता मिलेगी। ऐसे पहले विमान की पहली उडान दिसम्बर 2024 तक करने की योजना है।
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