परिवार अदालत संशोधन विधेयक लोकसभा में ध्वनि मत से पारित

0
237

लोकसभा ने परिवार अदालत संशोधन विधेयक 2022 ध्वनि मत से पारित कर दिया है। इसका लक्ष्य हिमाचल प्रदेश में तीन और नगालैंड में दो परिवार अदालतों को पूर्व प्रभाव से वैधता प्रदान करना है। विधेयक में दोनों राज्यों तथा परिवार अदालतों द्वारा किये गये फैसलों को भी वैध घोषित करने का प्रावधान है। विधेयक पारित होने से हिमाचल प्रदेश में शिमला, धर्मशाला और मंडी स्थित परिवार अदालतें पंद्रह फरवरी-2019 से तथा नगालैंड में दीमापुर और कोहिमा स्थित परिवार अदालतें 12 नवम्बर-2008 से मान्य होंगी।

लोकसभा में विधेयक पर बहस का जवाब देते हुए विधि और न्याय मंत्री किरेन रिजिजू ने राज्यों से अनुरोध किया कि वे प्रत्येक ज़िले में कम से कम एक परिवार अदालत सुनिश्चित करें। उन्होंने कहा कि कानूनी परामर्श पूरी तरह निशुल्क होगा और इस दिशा में प्रयास किये जा रहे हैं। इससे पहले भारतीय जनता पार्टी की सुनीता दुग्गल ने विधेयक का समर्थन करते हुए बहस की शुरुआत की। जनता दल यूनाइटेड के कौशलेंद्र कुमार ने सरकार से कहा कि वह देश भर में सात सौ से अधिक परिवार अदालतों में लम्बित ग्यारह लाख से अधिक मामलों की सुनवाई में तेज़ी लाने के उपाय करे ।

 

courtesy newsonair

Google search engine

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here