मीडिया सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा में एक अजीबोगरीब घटना सामने आई है। क्षेत्र में एक तीन वर्षीय बच्चे के खिलाफ बिजली चोरी का मामला दर्ज किया गया है। पेशावर इलेक्ट्रिक सप्लाई कंपनी (पीईएससीओ) और जल एवं विद्युत विकास प्राधिकरण (डब्ल्यूएपीडीए) की तरफ से शिकायत के बाद बच्चे के खिलाफ एफआईआर दर्ज किया गया। नाबालिग को अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश की अदालत के समक्ष पेश किया गया, जहां न्यायाधीश ने हलफनामा देखने के बाद मामले को खारिज कर दिया। हालांकि, पीईएससीओ और डब्ल्यूएपीडीए के अधिकारी बच्चे के आरोप को लेकर निश्चित नहीं हैं।
मीडिया से प्राप्त जानकारी के अनुसार, पिछले महीने एक बड़े खुलासे के बाद यह घटना सामने आई है, जिसमें बिजली वितरण कंपनियों के भीतर बिजली चोरी के कारण राष्ट्रीय खजाने को 438 अरब रुपये का चौंकाने वाला नुकसान हुआ था। सात अप्रैल को पंजाब ऊर्जा विभाग ने बिजली वितरण कंपनियों द्वारा सरकारी संस्थानों से अधिक शुल्क वसूलने पर चिंता जताई।
मीडिया में आई खबर के अनुसार, बिजली विभाग ने इस मुद्दे पर कहा कि लाहौर इलेक्ट्रिक सप्लाई कंपनी, फैसलाबाद इलेक्ट्रिक सप्लाई कंपनी, मुल्तान इलेक्ट्रिक पावर कंपनी, गुजरांवाला इलेक्ट्रिक पावर कंपनी, और इस्लामाबाद इलेक्ट्रिक सप्लाई कंपनी सरकारी विभागों से अधिक शुल्क वसूलने के लिए दोषी थीं। प्रांतीय विभागों में 1,02,000 से अधिक बिजली कनेक्शन के साथ, वास्तविक खपत और बिल की गई राशि के बीच अंतर स्पष्ट था।
मीडिया सूत्रों के अनुसार, विभाग ने खुलासा किया कि वित्तीय वर्ष 2022-23 में प्रांतीय विभागों ने 1.91 अरब से अधिक की बिजली की खपत की, लेकिन उन्हें इसके लिए 76 अरब का भुगतान करना पड़ा। इस मामले से निपटने के लिए संघीय सरकार ने बिजली चोरी पर अंकुश लगाने और राजस्व वसूली को बढ़ाने के लिए बिजली वितरण कंपनियों में संघीय जांच अधिकारियों की तैनाती को मंजूदी दे दी।
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