मीडिया सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज मस्कट में सुल्तान हैथम बिन तारिक के साथ द्विपक्षीय बैठक की। शाही महल पहुंचने पर महामहिम सुल्तान ने प्रधानमंत्री की गर्मजोशी से अगवानी की और उनका रस्मी स्वागत किया। दोनों नेताओं ने व्यक्तिगत तथा प्रतिनिधिमंडल स्तर की बैठकों में मुलाकात की। उन्होंने बहुआयामी भारत–ओमान रणनीतिक साझेदारी की व्यापक समीक्षा की और द्विपक्षीय संबंधों में निरंतर हो रही प्रगति की सराहना की। उन्होंने इस बात का भी उल्लेख किया कि यह यात्रा भारत–ओमान संबंधों के लिए विशेष महत्व रखती है, क्योंकि दोनों देश इस वर्ष राजनयिक संबंधों की स्थापना के 70 वर्ष पूरे होने का उत्सव मना रहे हैं। उन्होंने समग्र आर्थिक साझेदारी समझौते (सीईपीए) पर हस्ताक्षर होने का स्वागत करते हुए इसे द्विपक्षीय संबंधों में एक ऐतिहासिक उपलब्धि बताया और कहा कि इससे रणनीतिक साझेदारी को बड़ा प्रोत्साहन मिलेगा। द्विपक्षीय व्यापार के 10 बिलियन डॉलर आँकड़ा पार कर जाने तथा दोतरफा निवेश प्रवाह में प्रगति होने पर संतोष व्यक्त करते हुए प्रधानमंत्री ने इस बात पर जोर दिया कि सीईपीए द्विपक्षीय व्यापार और निवेश को उल्लेखनीय रूप से बढ़ावा देगा, रोजगार के अवसर सृजित करेगा तथा दोनों देशों में अनेक नए अवसरों के द्वार खोलेगा। दोनों नेताओं ने दीर्घकालिक ऊर्जा व्यवस्थाओं, नवीकरणीय ऊर्जा उद्यमों तथा हरित हाइड्रोजन और हरित अमोनिया परियोजनाओं के माध्यम से ऊर्जा सहयोग पर नए सिरे से जोर देने के बारे में भी चर्चा की। प्रधानमंत्री ने अंतरराष्ट्रीय सौर गठबंधन में ओमान के शामिल होने की सराहना की और उन्हें आपदा-रोधी अवसंरचना गठबंधन तथा वैश्विक जैव ईंधन गठबंधन में शामिल होने के लिए आमंत्रित किया। प्रधानमंत्री ने इस बात का उल्लेख किया कि दोनों देश कृषि विज्ञान, पशुपालन, जलीय कृषि तथा श्रीअन्न की खेती के क्षेत्रों सहित कृषि सहयोग से लाभ उठा सकते हैं। शिक्षा के क्षेत्र में सहयोग के महत्व को स्वीकार करते हुए दोनों नेताओं ने कहा कि संकाय सदस्यों और शोधकर्ताओं का आदान-प्रदान दोनों देशों के लिए पारस्परिक रूप से लाभकारी सिद्ध होगा।
मीडिया से प्राप्त जानकारी के अनुसार, दोनों नेताओं ने खाद्य सुरक्षा, विनिर्माण, डिजिटल प्रौद्योगिकियों, महत्वपूर्ण खनिजों, लॉजिस्टिक्स, मानव संसाधन विकास तथा अंतरिक्ष क्षेत्र में सहयोग के बारे में भी चर्चा की। वित्तीय सेवाओं के क्षेत्र में उन्होंने यूपीआई और ओमान की डिजिटल भुगतान प्रणाली के बीच सहयोग, रुपे कार्ड को अपनाने तथा स्थानीय मुद्राओं में व्यापार पर चर्चा की। प्रधानमंत्री ने कहा कि उर्वरक और कृषि अनुसंधान दोनों पक्षों के लिए समान रूप से लाभकारी क्षेत्र हैं तथा उन्हें संयुक्त निवेश सहित इन क्षेत्रों में अधिक सहयोग के लिए काम करना चाहिए। दोनों नेताओं ने समुद्री क्षेत्र सहित रक्षा और सुरक्षा सहयोग को और अधिक मजबूत करने के प्रति अपनी प्रतिबद्धता दोहरायी। प्रधानमंत्री ने ओमान में भारतीय समुदाय के कल्याण के प्रति समर्थन के लिए महामहिम का आभार प्रकट किया। उन्होंने कहा कि समुद्री धरोहर, भाषा संवर्धन, युवा आदान-प्रदान और खेल संबंधों के क्षेत्रों में अनेक नई द्विपक्षीय पहलों से लोगों के बीच पारस्परिक संबंध और मजबूत होंगे। उन्होंने दोनों देशों की समृद्ध सांस्कृतिक धरोहर पर भी चर्चा की और समुद्री संग्रहालयों के बीच सहयोग, कलाकृतियों और विशेषज्ञता के आदान-प्रदान के महत्व को रेखांकित किया। नेताओं ने ओमान विज़न 2040 और 2047 तक विकसित भारत बनने के भारत के लक्ष्य के बीच तालमेल का स्वागत किया और अपने-अपने लोगों की आकांक्षाओं की पूर्ति के लिए एक-दूसरे के प्रति समर्थन व्यक्त किया। नेताओं ने क्षेत्रीय और वैश्विक घटनाक्रमों पर भी विचार-विमर्श किया और क्षेत्रीय शांति एवं स्थिरता के प्रति अपनी प्रतिबद्धता दोहरायी । इस यात्रा के अवसर पर, दोनों पक्षों ने सीईपीए के अलावा समुद्री धरोहर, शिक्षा, कृषि और श्रीअन्न की खेती के क्षेत्रों में समझौता ज्ञापन (एमओयू)/व्यवस्थाओं पर भी हस्ताक्षर किए।
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