मीडिया सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और विश्व स्वास्थ्य संगठन के महानिदेशक टेड्रोस अधानोम घेब्रेयसस ने शुक्रवार को पारंपरिक चिकित्सा पर दूसरे डब्ल्यूएचओ वैश्विक शिखर सम्मेलन के दौरान दिल्ली में नए डब्ल्यूएचओ – दक्षिण पूर्व एशियाई क्षेत्रीय कार्यालय परिसर का उद्घाटन किया। इस परिसर में डब्ल्यूएचओ का भारत स्थित कंट्री ऑफिस भी है, जो विश्व स्वास्थ्य संगठन के साथ भारत की साझेदारी में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है। प्रधानमंत्री मोदी ने योग प्रशिक्षण पर डब्ल्यूएचओ की तकनीकी रिपोर्ट और “फ्रॉम रूट्स टू ग्लोबल रीच: 11 इयर्स ऑफ ट्रांसफॉर्मेशन इन आयुष” नामक पुस्तक का भी विमोचन किया ।
मीडिया से प्राप्त जानकारी के अनुसार, उन्होंने वर्ष 2021-2025 के लिए योग के प्रचार और विकास में उत्कृष्ट योगदान के लिए प्रधानमंत्री पुरस्कार प्राप्तकर्ताओं को सम्मानित किया, और योग और इसके वैश्विक प्रचार के प्रति उनके निरंतर समर्पण को मान्यता दी। प्रधानमंत्री कार्यालय के बयान में कहा गया है, “ये पुरस्कार योग को संतुलन, कल्याण और सद्भाव के लिए एक शाश्वत अभ्यास के रूप में पुनः स्थापित करते हैं, जो एक स्वस्थ और मजबूत नए भारत में योगदान देता है।” प्रधानमंत्री मोदी ने ट्रेडिशनल मेडिसिन डिस्कवरी स्पेस का भी दौरा किया, जो एक प्रदर्शनी है जो भारत और दुनिया भर की पारंपरिक चिकित्सा ज्ञान प्रणालियों की विविधता, गहराई और समकालीन प्रासंगिकता को प्रदर्शित करती है। ज्ञात हो कि विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) और केंद्रीय आयुष मंत्रालय द्वारा संयुक्त रूप से आयोजित दूसरा डब्ल्यूएचओ वैश्विक शिखर सम्मेलन 17 से 19 दिसंबर तक भारत मंडपम में हो रहा है। इस शिखर सम्मेलन में वैश्विक नेताओं, नीति निर्माताओं, वैज्ञानिकों, चिकित्सकों, स्वदेशी ज्ञान धारकों और नागरिक समाज के प्रतिनिधियों के बीच न्यायसंगत, टिकाऊ और साक्ष्य-आधारित स्वास्थ्य प्रणालियों को बढ़ावा देने के लिए गहन विचार-विमर्श हुआ।
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