पीएम मोदी ने 17वीं भारतीय सहकारी कांग्रेस को किया संबोधित

0
42
पीएम मोदी ने 17वीं भारतीय सहकारी कांग्रेस को किया संबोधित
Image Source : Twitter @BJP4India

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज 17वीं भारतीय सहकारी कांग्रेस को संबोधित किया। पीएम मोदी ने अपने संबोधन में कहा कि – “आप सभी 17वें भारतीय सहकारी महा सम्मेलन की बहुत बहुत बधाई। मैं इस सम्मेलन में आपका स्वागत और अभिनंदन करता हूं। आज हमारा देश विकसित और आत्मनिर्भर भारत के लक्ष्य पर काम कर रहा है और मैनें लाल किले से कहा है कि हमारे हर लक्ष्य की प्राप्ति के लिए सबका प्रयास आवश्यक है। जब विकसित भारत के लिए बड़े लक्ष्यों की बात आई, तो हमनें सहकारिता को एक बड़ी ताकत देने का फैसला किया। हमनें पहली बार सहकारिता के लिए अलग मंत्रालय बनाया, अलग बजट का प्रावधान किया।”

पीएम मोदी ने आगे कहा कि – “आज को-ऑपरेटिव को वैसी ही सुविधाएं, वैसे ही प्लेटफॉर्म उपलब्ध कराए जा रहे हैं, जैसे कार्पोरेट सेक्टर को मिलते हैं। सहकारी समितियों की ताकत बढ़ाने के लिए उनके लिए टैक्स की दरों को भी कम किया गया है। सहकारिता क्षेत्र से जुड़े जो मुद्दे वर्षों से लंबित थे, उन्हें तेज गति से सुलझाया जा रहा है। हमारी सरकार ने सहकारी बैंकों को भी मजबूती दी है। 2014 से पहले अक्सर किसान कहते थे कि उन्हें सरकार की मदद बहुत कम मिलती है और जो थोड़ी बहुत मिलती भी थी वो बिचौलियों के खातों में जाती थी। सरकारी योजनाओं के लाभ से देश के छोटे और मध्यम किसान वंचित ही रहते थे। लेकिन पिछले 9 वर्षों में ये स्थिति बिल्कुल बदल गई है। आज करोड़ों छोटे किसानों को पीएम किसान सम्मान निधि मिल रही है। कोई बिचौलिया नहीं, कोई फर्जी लाभार्थी नहीं।”

उन्होंने कहा कि – “बीते 4 वर्षों में इस योजना के अंतर्गत 2.5 लाख करोड़ रुपये सीधे किसानों के बैंक खातों में भेजे गए हैं। ये रकम कितनी बड़ी है इसका अंदाजा आप इस बात से लगा सकते हैं कि 2014 से पहले के 5 वर्षों का कुल कृषि बजट ही मिलाकर 90 हजार करोड़ रुपये से कम था। यानि तब पूरे देश की कृषि व्यवस्था पर जितना खर्च तब हुआ, उसका लगभग 3 गुना हम केवल किसान सम्मान निधि पर खर्च कर चुके हैं। दुनिया में निरंतर महंगी होती खादों और केमिकल का बोझ किसानों पर न पड़े, इसकी भी गारंटी केंद्र की भाजपा सरकार ने आपको दी है। आखिरकार गारंटी क्या होती है, किसान के जीवन को बदलने के लिए कितना महा भगीरथ प्रयास जरूरी है, इसके इसमें दर्शन होते हैं। कुल मिलाकर अगर देखें तो सिर्फ फर्टिलाइजर सब्सिडी पर भाजपा सरकार ने 10 लाख करोड़ रुपये से अधिक खर्च किये हैं। किसानों को उनकी फसल की उचित कीमत मिले इसे लेकर हमारी सरकार शुरू आए बहुत गंभीर रही है। पिछले 9 साल में MSP को बढ़ाकर, MSP पर खरीद कर 15 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा किसानों को दिए गए हैं। हिसाब लगाएं तो आज हर वर्ष केंद्र सरकार साढ़े 6 लाख करोड़ रुपये से अधिक खेती और किसानों पर खर्च कर रही है। इसका मतलब है कि प्रतिवर्ष हर किसान तक सरकार औसतन 50 हजार रुपये किसी न किसी रूप में पहुंचा रही है। यानि भाजपा सरकार में किसानों को अलग अलग तरह से हर साल 50 हजार रुपये मिलने की गारंटी है। ये मोदी की गारंटी है।”

पीएम मोदी ने आगे कहा कि – “किसान हितैषी अप्रोच को जारी रखते हुए, कुछ दिन पहले एक और बड़ा निर्णय लिया गया है। केंद्र सरकार ने किसानों के लिए 3 लाख 70 हजार करोड़ रुपये का पैकेज घोषित किया है। यही नहीं, गन्ना किसानों के लिए भी उचित और लाभकारी मूल्य अब रिकॉर्ड 315 रुपये क्विंटल कर दिया गया है। अमृतकाल में देश के गांव, देश के किसान के सामर्थ्य को बढ़ाने के लिए अब देश के कॉपरेटिव सेक्टर की भूमिका बहुत बड़ी होने वाली है। सरकार और सहकार मिलकर विकसित भारत, आत्मनिर्भर भारत के संकल्प को डबल मजबूती देंगे। आज भारत की दुनिया में पहचान अपने डिजिटल लेनदेन के लिए होती है। ऐसे में सहकारी समितियों और सहकारी बैंकों को भी इसमें अग्रणी रहना होगा। भारत के मोटे अनाज यानि मिलेट्स की पहचान दुनिया में श्री अन्न के नाम से बन गई है। इसके लिए विश्व में एक नया बाजार तैयार हो रहा है। भारत सरकार की पहल के कारण इस वर्ष को International Year of Millets के रूप में मनाया जा रहा है। केंद्र सरकार ने मिशन पाम ऑयल शुरु किया है। इसके तहत तिलहन की फसलों को बढ़ावा दिया जा रहा है। देश की कोऑपरेटिव संस्थाएं इस मिशन की बागडोर थाम लेंगी, तो देखिएगा की कितनी जल्दी हम खाद्य तेल के उत्पादन में आत्मनिर्भर हो जाएंगे।”

पीएम मोदी ने आगे कहा कि – “सरकार के जितने भी मिशन हैं, उनको सफल बनाने में मुझे सहकारिता के सामर्थ्य में मुझे कोई संदेह नहीं है। सहकारिता ने आजादी के आंदोलन में भी बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। मैंने आवाह्न किया है कि आजादी के 75 वर्ष के अवसर पर हर जिले में 75 अमृत सरोवर बनाएं। एक वर्ष से भी कम समय में करीब 60 हजार अमृत सरोवर देश भर में बनाएं जा चुके हैं। बीते 9 वर्षों में सिंचाई हो या पीने का पानी हो, उसे घर घर, खेत खेत पहुंचाने के लिए जो काम सरकार ने किए हैं, ये उसका विस्तार है। ताकि किसानों और हमारे पशुओं को पानी की कमी न पड़े। इसलिए सहकारी क्षेत्र से जुड़े लोगों को भी इस पावन अभियान से जरूर जुड़ना चाहिए। Per Drop More Crop ज्यादा पानी, ज्यादा फसल की गारंटी नहीं है। Micro-irrigation का कैसे गांव-गांव तक विस्तार हो, इसके लिए सहकारी समितियों को अपनी भूमिका का भी विस्तार करना होगा। एक प्रमुख विषय भण्डारण का भी है। अनाज के भण्डारण की सुविधा की कमी से लंबे समय तक हमारी खाद्य सुरक्षा और हमारे किसानों का बहुत नुकसान हुआ है।”

उन्होंने आगे कहा कि – “आज भारत में हम जितना अनाज पैदा करते उसका 50% से भी कम हम स्टोर कर सकते हैं। अब केंद्र सरकार दुनिया की सबसे बड़ी भण्डारण योजना लेकर आई है। बीते अनेक दशकों में देश में करीब 1,400 लाख टन से अधिक की भण्डारण क्षमता हमारे पास है। आने वाले 5 वर्षों में लगभग 700 लाख टन की नई भण्डारण क्षमता बनाने का हमारा संकल्प है। ये निश्चित रूप से बहुत बड़ा काम है, जो देश के किसानों का सामर्थ्य बढ़ाएगा, गांवों में नए रोजगार बनाएगा।”

Courtsey : Twitter @BJP4India

#dailyaawaz #newswebsite #news #newsupdate #hindinews #breakingnews #headlines #headline #newsblog #hindisamachar #latestnewsinhindi #PMModi #BJP #India

Hindi news, हिंदी न्यूज़ , Hindi Samachar, हिंदी समाचार, Latest News in Hindi, Breaking News in Hindi, ताजा ख़बरें

Google search engine

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here