मीडिया सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, माधोटांडा (रामपुर) कलीनगर तहसील के तत्कालीन तहसीलदार, कानूनगो और लेखपाल ने दो अन्य के साथ मिलकर पिछड़ी जाति के एक ग्रामीण को अनुसूचित जाति का प्रमाण पत्र जारी कर दिया। ग्रामीण की शिकायत पर न्यायालय ने पुलिस को प्राथमिकी दर्ज करने का आदेश दिया। पुलिस ने तहसीलदार समेत 5 लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कर ली। मामला थाना क्षेत्र के गांव बूदीभूड़ का है। गांव निवासी शिव कुमार ने न्यायालय में प्रार्थना पत्र देकर बताया कि गांव के ही प्रमोद, विनोद और रामकेवल उसकी जमीन पर कब्जा करना चाहते हैं। इसी बात को लेकर उन लोगों ने थाना में झूठा प्रार्थना पत्र दिया था। जिससे राम केवल को अनुसूचित जाति का दिखाया गया। जबकि वह पिछड़ी जाति का है।
मीडिया से प्राप्त जानकारी के अनुसार, राम केवल ने लेखपाल प्रदीप यादव और कानूनगो बिजेंद्र राणा से मिलकर अनुसूचित जाति का प्रमाण पत्र बनवा लिया। तत्कालीन तहसीलदार ध्रुव नारायण यादव, कानूनगो और लेखपाल सभी लोग उसको अच्छी तरह जानते थे। जब उसने समाधान दिवस में शिकायत की तो लेखपाल और कानूनगो ने अपनी रिपोर्ट में यह बताया कि यह प्रमाण पत्र गलत जारी हो गया। 28 अगस्त 2023 को लेखपाल और कानूनगो के बुलाने पर वह कलीनगर तहसील पहुंचा। सड़क पर ही लेखपाल और कानूनगो मिल गए। उन्होंने प्रार्थना-पत्र वापस लेने के लिए दबाव डाला। मना करने पर दोनों मारपीट पर उतारू हो गए। प्रार्थना पत्र वापस न लेने की स्थिति में हत्या करा देने की धमकी देने लगे। घटना को देखकर कुछ लोग मौके पर आ गए और उन्होंने बीच बचाव कर दिया। न्यायालय के आदेश पर पुलिस ने तत्कालीन तहसीलदार ध्रुव नारायण यादव, कानूनगो विजेंद्र राणा, लेखपाल प्रदीप यादव, प्रमोद और रामकेवल के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कर ली।
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