मीडिया सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, बॉम्बे हाई कोर्ट ने महाराष्ट्र में पुणे पोर्शे हादसा मामले में 2 लोगों को कुचलने वाले नाबालिग आरोपी को बड़ी राहत दी है। कोर्ट ने उसे तत्काल पर्यवेक्षण गृह से रिहा करने और उसकी चाची की देखरेख और हिरासत में रखने का आदेश दिया है। बता दें कि मेडिकल रिपोर्ट में आरोपी किशोर के शराब के नशे में होने की पुष्टि होने के बाद उसकी जमानत रद्द हो गई थी और उसे पर्यवेक्षण गृह भेज दिया गया था।
बता दें कि, आरोपी किशोर के वकील प्रशांत पाटिल ने कहा, “किशोर न्याय अधिनियम की रीढ़ मानी जाने वाली धारा-12 कहती है कि कानून का उल्लंघन करने वाले किसी किशोर पर जमानती या गैर-जमानती अपराध का आरोप लगाए जाने के बाद भी उस पर आपराधिक प्रक्रिया संहिता लागू नहीं होती है। ऐसे में कोर्ट ने उसे पर्यवेक्षण गृह के रिहा करने के आदेश दिए हैं।” उन्होंने कहा, “किशोर अब अपनी चाची की देखरेख और हिरासत में ही रहेगा और जांच में सहयोग करेगा।”
जानकारी के मुताबिक, 19 मई को पुणे के कल्याणी नगर में रात ढाई बजे पोर्शे कार चला रहे एक नाबालिग ने बाइक पर जा रहे एक महिला और पुरुष को टक्कर मार दी थी, जिनकी मौके पर ही मौत हो गई थी। बाद में कार बेकाबू होकर एक दूसरी गाड़ी को टक्कर मारते हुए रैलिंग से टकरा गई। नाबालिग आरोपी को JJB ने निबंध लिखने की शर्त पर 15 घंटे में जमानत दे दी थी। विरोध के बाद नाबालिग की जमानत रद्द हुई।
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