मीडिया सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, हत्या, रंगदारी, हत्या का प्रयास, आर्म्स एक्ट जैसे संगीन मामलों में आरोपित 50 हजार रुपये का इनामी कुख्यात आफताब की पुलिस से लुकाछिपी बंद हो गई। पुलिस टीम ने तकनीकी निगरानी में उसे आखिरकार दबोच ही लिया। पुलिस टीम उसे 29 दिसंबर 2023 को मटन शॉप चलाने वाले मुहम्मद लड्डू कुरैशी से एक लाख रुपये की रंगदारी मांगने के मामले में सरगर्मी से तलाश कर रही थी। वह मटन शॉप संचालक से रंगदारी मांग रखी थी। नहीं देने पर वह दिनदहाड़े मोजाहिदपुर थानाक्षेत्र के मियां साहब के मैदान में चार साथियों फरहान, मुहम्मद छोटू और सद्दाम के साथ मौके पर पहुंच अंधाधुंध गोलियां दागी थी। बमों के भी धमाके किये थे। तब हुए हमले में लड्डू कुरैशी और उसके आठ वर्षीय भांजे अयान को गोली लगी थी। उसकी गिरफ्तारी भागलपुर पुलिस की बड़ी उपलब्धि मानी जा रही है। एसएसपी आनंद कुमार ने उसकी गिरफ्तारी के लिए बाकायदा टीम गठित कर रखी थी। सिटी एसपी डॉ. के रामदास की निगरानी में गठित पुलिस टीम में तकनीकी सेल डीआइयू के प्रभारी इंस्पेक्टर रंजीत कुमार, हबीबपुर इंस्पेक्टर पंकज कुमार राउत, मोजाहिदपुर इंस्पेक्टर धीरेंद्र यादव के अलावा परमेश्वर सहनी, अभय कुमार, सुशील राज, मुहम्मद एजाज रिजवी, बच्चन राम, अभिमन्यु कुमार सिंह, प्रकाश कुमार आदि शामिल थे। 11 नवंबर 2024 को हुसैनाबाद निवासी मुहम्मद बब्बन से 20 लाख रुपये की रंगदारी मांगे जाने की घटना हुई थी। जिसको लेकर मोजाहिदपुर पुलिस भी सतर्क थी। 17 नवंबर 2024 को आफताब के कोलकाता से भागलपुर आने की जानकारी पुलिस की विशेष टीम को लग गई थी। पुलिस टीम हबीबपुर थानाक्षेत्र स्थित आफताब के घर की निगरानी बढ़ा दी थी। 17 की देर शाम पुलिस टीम उसे दक्षिणी खंड से दबोच लेने में कामयाब रही। सिटी एसपी डॉ. के रामदास ने पुलिस टीम को मिली इस बड़ी उपलब्धि की जानकारी सोमवार की देर शाम मीडिया को दी है।
मीडिया सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, मोजाहिदपुर में मटन कारोबार से जुड़े लोगों ने कुख्यात आफताब की गिरफ्तारी से राहत की सांस ली है। मियां साहब का मैदान से कमेला तक रोज मांस बेच अपने परिवार की रोजी-रोटी चलाने वाले मांस कारोबारियों का अपराधियों ने जीना मुहाल कर रखा है। मांस बेचने वालों को अपराधियों ने टारगेट में ले रखा है। आफताब और उसके साथियों ने उन्हें मांस बेचने के एवज में 20 हजार रुपये से लाख, दो लाख रुपये तक की रंगदारी की रकम पहुंचाने का दबाव बनाना शुरू कर दिया था। बड़े जानवर से निकलने वाले कन्ना किताब के धंधे में लगे कुछ कारोबारी उसके खास निशाने पर थे। डीआइयू टीम सटीक लोकेशन मिलते ही बिना समय गंवाए गठित पुलिस टीम के साथ गिरफ्तार कर लिया। उसने पूछताछ में अपने कई साथियों के नाम पुलिस टीम को बताया है जो रंगदारी, मादक पदार्थ की तस्करी में शामिल हैं। पुलिस टीम उससे मिली जानकारी का सत्यापन कर आगे की कार्रवाई शुरू कर दी है।
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