प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी आज डेनमार्क, आइसलैंड, फिनलैंड, स्वीडन और नॉर्वे के प्रधानमंत्रियों के साथ दूसरे भारत-नॉर्डिक शिखर सम्मेलन में भाग लेंगे। इन पांच देशों को उत्तरी यानी नॉर्डिक देश कहा जाता है। यह सम्मेलन डेनमार्क आयोजित कर रहा है। श्री मोदी आइसलैंड की प्रधानमंत्री कातरीन, नॉर्वे के प्रधानमंत्री योनस गार स्तोर, स्वीडन के प्रधानमंत्री मैग्डालीना एंडरसन और फिनलैंड की प्रधानमंत्री सना मेरिन के साथ द्विपक्षीय बैठक भी करेंगे। हमारे संवाददाता ने बताया कि यह शिखर सम्मेलन नॉर्डिक क्षेत्र के साथ भारत के बहुस्तरीय सहयोग के विस्तार में सहायता करेगा। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कल शाम कोपेनहेगन में डेनमार्क की प्रधानमंत्री मेटे फ्रिडरिक्सन के साथ शिष्टमण्डल स्तर की वार्ता की। दोनों नेताओं ने हरित रणनीतिक भागीदारी की प्रगति की समीक्षा की। भारत और डेनमार्क के बीच यह अपनी तरह का पहला समझौता है। श्री मोदी यूरोप के तीन देशों की यात्रा के दूसरे चरण में कल दोपहर डेनमार्क की राजधानी कोपेनहेगन पहुंचे। डेनमार्क की प्रधानमंत्री ने कोपेनहेगन हवार्ह अड्डे पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का स्वागत किया। श्री मोदी ने ट्विटर पर कहा कि यह यात्रा भारत-डेनमार्क संबंधों को और मज़बूत करने में मील का पत्थर साबित होगी। शिष्टमण्डल स्तर की वार्ता के बाद प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने संयुक्त संवाददाता सम्मेलन में कहा कि भारत और डेनमार्क के बीच न केवल लोकतंत्र, अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता और कानून के शासन के साझा मूल्य हैं, बल्कि दोनों देशों में ऐसी शक्ति भी है, जो एक-दूसरे की पूरक है। उन्होंने कहा कि दोनों देशों के बीच विभिन्न क्षेत्रों, विशेष रूप से नवीकरणीय ऊर्जा, स्वास्थ्य, बंदरगाह, जहाजरानी, सर्कुलर अर्थव्यवस्था और जल प्रबंधन के क्षेत्र में महत्वपूर्ण प्रगति हुई है। प्रधानमंत्री ने कहा कि डेनमार्क की दो सौ से अधिक कंपनियां भारत में विभिन्न क्षेत्रों में काम कर रही हैं। आसान कारोबार और आर्थिक सुधारों से इन कंपनियों को भारत में लाभ हो रहा है। प्रधानमंत्री ने कहा कि डेनमार्क की कंपनियों के लिए भारत में निवेश के अनेक अवसर उपलब्ध हैं।
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