प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बैंकॉक में, थाईलैंड के प्रधानमंत्री पैतोंगतान शिनवातअ के साथ वार्ता कर रहे हैं

0
20

मीडिया सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बैंकॉक में, थाईलैंड के प्रधानमंत्री पैतोंगतान शिनवातअ के साथ वार्ता कर रहे हैं। दोनों नेताओं से द्विपक्षीय संबंधों के सभी पहलुओं की प्रगति की समीक्षा करने और भारत-थाईलैंड द्विपक्षीय साझेदारी को और अधिक गतिशील बनाने की उम्मीद है। वे क्षेत्रीय और बहुपक्षीय मुद्दों पर विचारों का आदान-प्रदान करने के तरीकों पर चर्चा करेंगे और कई द्विपक्षीय दस्तावेज पर हस्ताक्षर भी करेंगे।

इससे पहले आज सुबह बैंकॉक पहुंचने पर श्री मोदी का थाईलैंड के उप प्रधानमंत्री सूर्या जुंगरुंगरेंगकिट ने हवाई अड्डे पर स्वागत किया। प्रधानमंत्री मोदी को औपचारिक गार्ड ऑफ ऑनर प्रदान किया गया। श्री मोदी कल होने वाले छठे बिम्सटेक शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए थाईलैंड की दो दिन की यात्रा पर हैं।

प्रधानमंत्री ने एक सोशल मीडिया पोस्ट में कहा कि वे आगामी आधिकारिक कार्यक्रमों में भाग लेने और भारत तथा थाईलैंड के बीच सहयोग मजबूत करने के लिए उत्सुक हैं। भारतीय समुदाय से मिले गर्मजोशी भरे स्वागत पर आभार व्यक्त करते हुए उन्होंने कहा, भारत और थाईलैंड के बीच एक गहरा सांस्कृतिक संबंध है जो हमारे लोगों के माध्यम से फलता-फूलता रहता है। प्रधानमंत्री ने थाई रामायण, रामकियेन का एक आकर्षक प्रदर्शन भी देखा। उन्होंने कहा कि यह वास्तव में समृद्ध अनुभव था, जिसने भारत और थाईलैंड के बीच साझा सांस्कृतिक और सभ्यतागत संबंधों को खूबसूरती से प्रदर्शित किया। श्री मोदी ने कहा कि रामायण एशिया के इतने सारे हिस्सों में दिलों और परंपराओं को जोड़ती है।

छठे बिम्सटेक शिखर सम्मेलन का विषय है”बिम्सटेक – समृद्ध, लचीला और मुक्‍त”। शिखर सम्मेलन में बैंकॉक विज़न 2030 को भी अपनाया जाएगा, और बिम्सटेक के भविष्य की दिशा को निर्धारित करने के लिए बिम्सटेक प्रख्यात व्यक्तियों के समूह की रिपोर्ट भी स्‍वीकृत की जाएगी।

बिम्सटेक शिखर सम्मेलन में भाग लेने के बाद, प्रधानमंत्री मोदी राष्ट्रपति अनुरा कुमारा दिसानायके के निमंत्रण पर कल तीन दिवसीय राजकीय यात्रा के लिए श्रीलंका जाएंगे। राष्ट्रपति दिसानायके ने पदभार ग्रहण करने के बाद अपनी पहली विदेश यात्रा के रूप में भारत की राजकीय यात्रा की थी। यह प्रधानमंत्री की अपने कार्यकाल के दौरान श्रीलंका की चौथी यात्रा होगी। भारत-श्रीलंका संबंध इतिहास, धर्म, संस्कृति और लोगों के बीच मजबूत संबंधों में निहित हैं। श्रीलंका भारत की पड़ोसी प्रथम नीति का एक अभिन्न अंग है और यह संबंध समय की कसौटी पर खरा उतरा है।

#dailyaawaz #newswebsite #news #newsupdate #hindinews #breakingnews #headlines #headline #newsblog #hindisamachar #latestnewsinhindi

Hindi news, हिंदी न्यूज़ , Hindi Samachar, हिंदी समाचार, Latest News in Hindi, Breaking News in Hindi, ताजा ख़बरें

News & Image Source: newsonair.gov.in

Google search engine

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here