प्रयागराज: मीडिया सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, प्रयागराज महाकुंभ में मौनी अमावस्या स्नान से पहले संगम तट पर हुई भगदड़ और दुखद मौतों के बाद प्रशासन ने सख्त कदम उठाए हैं। जिसके तहत मेला क्षेत्र में पांच बड़े बदलाव लागू किए हैं। इसके साथ ही पूरे मेला क्षेत्र को अब नो-व्हीकल जोन घोषित कर दिया गया है। जिससे किसी भी प्रकार के वाहन को अंदर जाने की अनुमति नहीं होगी। यही नहीं वीवीआईपी पास और ट्रैफिक को लेकर भी परिवर्तन किए गए हैं।
महाकुंभ में भगदड़ की घटना के बाद पुलिस प्रशासन हरकत में आया है, सीएम योगी के सख्त निर्देशों के बाद श्रद्धालुओं की सुविधा और सुरक्षा को देखते हुए मेला क्षेत्र के लिए पांच बड़े फैसले लिए गए हैं ताकि आने वाले समय में ऐसी दुर्घटनाओं से बचा जा सके। पुलिस प्रशासन के लिए अब बसंत पंचमी पर अमृत स्नान को कुशलता पूर्वक कराने की चुनौती है जिसे देखते हुए ये बदलाव किए गए हैं।
मेला क्षेत्र में किए गए ये पांच बड़े बदलाव
1. मेला क्षेत्र पूरी तरह नो-व्हीकल जोन घोषित किया गया है जिसके तहत सभी प्रकार के वाहनों का मेला क्षेत्र में प्रवेश पर प्रतिबंध रहेगा।
2. मेला प्रशासन की ओर से VVIP पास भी रद्द कर दिए गए हैं. किसी भी विशेष पास के जरिए वाहनों को मेले में प्रवेश नहीं मिलेगा।
3. मेला क्षेत्र में रास्ते वन-वे किए गए हैं। श्रद्धालुओं के सुगम आवागमन के लिए एक तरफा मार्ग व्यवस्था लागू हुई जिसके तहत श्रद्धालुओं के एक मार्ग से एंट्री मिलेगी और वो दूसरे रास्ते से बाहर आ सकेंगे।
4. वाहनों की एंट्री पर रोक लगाई गई है। प्रयागराज से सटे जिलों से आने वाले वाहनों को जिले की सीमा पर रोका जा रहा है।
5. 4 फरवरी बसंत पंचमी का स्नान संपन्न होने तक सख्त प्रतिबंध लागू रहेंगे, शहर में चार पहिया वाहनों की एंट्री पर पूरी तरह से रोक रहेगी।
नए अधिकारियों की नियुक्त की गई है: महाकुंभ में भगदड़ के बाद सीनियर IAS आशीष गोयल को आगे के इंतज़ाम की ज़िम्मेदारी दी गई है. वे साल 2019 में हुए कुंभ में प्रयागराज के कमिश्नर थे। इस समय वे सारा पावर कॉरपोरेशन के चेयरमैन हैं। कल रात सीएम के घर हुई बैठक के बाद ये फ़ैसला हुआ। इसके अलावा 2019 में प्रयागराज के डीएम रहे भानु चंद्र गोस्वामी को भी मेला की ज़िम्मेदारी दी गई है। भगदड़ में तीस लोगों की मौतें के बाद से ही यूपी सरकार और उसके इंतज़ाम पर सवाल उठने लगे हैं। इसी के साथ 5 विशेष सचिव महाकुंभ के लिए तैनात किए गए हैं। इसी के साथ ही प्रयागराज के तमाम स्टेशनों पर भीड़ को इकट्ठा होने से रोका जा रहा है।
बता दें कि मौनी अमावस्या पर महाकुंभ में हुई भगदड़ के बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भीड़ को नियंत्रित करने और विभागों के बीच समन्वय को लेकर दिशा-निर्देश जारी किए। उन्होंने कुंभ 2019 के दौरान प्रयागराज के संभागीय आयुक्त के रूप में कार्य करने वाले आशीष गोयल और एडीए के पूर्व उपाध्यक्ष भानु गोस्वामी को व्यवस्थाओं को और मजबूत करने के लिए तैनात करने का आदेश दिया है।
सीएम ने मुख्य सचिव और पुलिस महानिदेशक से महाकुंभ मेला व्यवस्थाओं की गहन समीक्षा करने को कहा है। उन्होंने कहा कि बसंत पंचमी के लिए निर्बाध व्यवस्था बनाने के लिए हर पहलू की जांच की जानी चाहिए। प्रयागराज के मौजूदा एडीजी और डीएम श्रद्धालुओं की सुविधाओं का ध्यान रखें।
सरकारी बयान के अनुसार, संचालन की देखरेख के लिए पांच विशेष सचिव स्तर के अधिकारियों को नियुक्त किया जा रहा है। बयान में कहा गया है कि वे व्यवस्थाओं को बेहतर करने में मदद के लिए 12 फरवरी तक प्रयागराज में रहेंगे. इसके अलावा, बेहतर प्रबंधन और सुरक्षा के लिए एसपी स्तर के अधिकारियों को भी तैनात किया जाएगा।
बुधवार को तड़के मची भगदड़ के बाद मुख्यमंत्री ने प्रयागराज, कौशांबी, वाराणसी, अयोध्या, मिर्जापुर, बस्ती, जौनपुर, चित्रकूट, बांदा, अंबेडकरनगर, प्रतापगढ़, संत कबीर नगर, भदोही, रायबरेली और गोरखपुर सहित कई जिलों के वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों और अन्य अफसरों के साथ देर रात वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग की।
प्रयागराज के एडीजी और जिला मजिस्ट्रेट से अपडेट की समीक्षा करने के बाद सीएम ने मेला क्षेत्र में सतर्कता और सावधानी बढ़ाने पर जोर दिया. सीएम ने अयोध्या, वाराणसी, मिर्जापुर और चित्रकूट के अधिकारियों से आने वाले श्रद्धालुओं के लिए सुरक्षा और क्राउड मैनेजमेंट के बारे में भी अपडेट मांगा. इसके अलावा प्रयागराज की सीमा से लगे जिलों के अधिकारियों को प्रयागराज प्रशासन के साथ समन्वय बनाए रखने का निर्देश दिया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रयागराज के सभी रेलवे स्टेशनों पर बड़ी संख्या में श्रद्धालु हैं, जो स्नान के लौटने की तैयारी कर रहे हैं। एडीजी और प्रयागराज के डीएम प्रत्येक श्रद्धालु की सुरक्षा का ध्यान रखें। भीड़ को देखते हुए परिवहन निगम की अतिरिक्त बसें चलाई जानी चाहिए। मेला क्षेत्र में भीड़ को देखते हुए होल्डिंग एरिया बनाए गए हैं, जहां भोजन और पानी की व्यवस्था की जाए। इन जगहों पर बिजली आपूर्ति होती रहे।
इन रास्तों पर गश्त बढ़ाने के दिए निर्देश
इसके अलावा निर्देश दिए गए हैं कि अयोध्या-प्रयागराज, कानपुर-प्रयागराज, फतेहपुर-प्रयागराज, लखनऊ-प्रतापगढ़-प्रयागराज और वाराणसी-प्रयागराज सहित सभी प्रमुख मार्गों पर गश्त बढ़ाई जाए. महाकुंभ मेला क्षेत्र में यातायात सुचारू रहे। अनावश्यक ठहराव से बचें. यदि रेहड़ी-पटरी वाले रास्ते पर कब्जा कर रहे हैं, तो उन्हें स्थानांतरित किया जाए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि अगला अमृत स्नान 3 फरवरी को बसंत पंचमी को है. महाकुंभ में आने वाले लाखों श्रद्धालु दर्शन और पूजा के लिए वाराणसी और अयोध्या भी जा रहे हैं, जबकि कई चित्रकूट और मिर्जापुर जा रहे हैं। अगले दो दिनों में इन शहरों में सतर्कता बढ़ाई जानी जरूरी है। होल्डिंग एरिया बनाए जाने चाहिए। बैरिकेडिंग का प्रभावी ढंग से उपयोग किया जाना चाहिए, यातायात प्रबंधन में सुधार हो और पर्याप्त पार्किंग व्यवस्था की जाए।
भगदड़ की घटना के बाद प्रशासन अब कोई भी लापरवाही बरतने के मूड में नहीं हैं, इसलिए ये सख्त नियम लागू किए गए हैं। प्रशासन का कहना है कि इन बदलावों का उद्देश्य कुंभ क्षेत्र में भीड़ को नियंत्रित करना और श्रद्धालुओं की सुरक्षा सुनिश्चित करना है। श्रद्धालुओं से अपील की गई है कि वे प्रशासन के निर्देशों का पालन करें और किसी भी तरह की अव्यवस्था से बचने में सहयोग करें।
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