नांदी: 12वें विश्व हिंदी सम्मेलन के समापन समारोह में विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने फ़िजी के नांदी में कहा है कि भारत की तरफ से यहां पर हो रहे सांस्कृतिक मुद्दों को आगे बढ़ाने के लिए हम यहां पर हो रही हिंदी, तमिल आदि शिक्षण की मांग को पूरा करने के लिए हम तैयार हैं और कुछ ही दिनों में हम इसको रूप रेखा दे पाएंगे। उन्होंने यहाँ बताया कि हमारे पास काफी सवाल आए कि आगे का रास्ता क्या होगा? मुझे लगता है कि सब की आशा है कि यह सम्मेलन हिंदी का महाकुंभ होगा जहां दुनिया के लोग आएंगे। यह हिंदी के विषय में एक वैश्विक नेटवर्क का मंच बनेगा। विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने बताया कि “फ़िजी के राष्ट्रपति” जी ने कहा कि हिंदी फिल्मों का मुझ पर बहुत प्रभाव है और मैंने कई फिल्म देखी हैं। मैंने जब पूछा कि उनकी प्रिय फिल्म कौन सी है तो उन्होंने शोले बताया। उन्होंने कहा कि उनको गाना ‘ये दोस्ती’ अभी भी याद आता है। उन्होंने कहा कि हमें यह सम्मेलन एक बार भारत और एक बार विदेश में करना चाहिए और ऐसे करना चाहिए कि जो भी दुनिया में हिंदी प्रेमी हैं और हिंदी को आगे बढ़ाना चाहते हैं उनको अवसर मिले। हमारा लक्ष्य यही है कि कैसे हम हिंदी को विश्व भाषा बनाएं और इसके अलग रूप, पहलू, तरीके हैं।
News & Image Source: Twitter (@AHindinews)
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