मीडिया सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, फ्रांस ने औपचारिक रूप से फ़िलिस्तीन राज्य को मान्यता दे दी है। फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने संयुक्त राष्ट्र महासभा को संबोधित करते हुए इसकी घोषणा की। राष्ट्रपति मैक्रों ने कहा कि फ़िलिस्तीन राज्य को मान्यता देना ही एकमात्र समाधान है जिससे इस्राइल शांति से रह सकेगा। उन्होंने इस निर्णय को हमास की हार बताया। मैक्रों ने इस बात पर ज़ोर दिया कि फिलिस्तीन के लोगों के अधिकारों को मान्यता देने से इस्राइल के लोगों के अधिकारों में कोई कमी नहीं आएगी, जिनका फ़्रांस ने पहले दिन से समर्थन किया है।
मीडिया से प्राप्त जानकारी के अनुसार, फ़िलिस्तीन को मान्यता देने वाला फ्रांस नया पश्चिमी राष्ट्र बन गया है। एक दिन पहले कनाडा, ब्रिटेन और ऑस्ट्रेलिया ने भी फ़िलिस्तीन को औपचारिक मान्यता देने की घोषणा की थी। ब्रिटेन और फ्रांस की ओर से फ़िलिस्तीन को मान्यता देने का निर्णय महत्वपूर्ण पहल के रूप में देखा जा रहा है क्योंकि दोनों ही देश जी-7 और संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के सदस्य हैं। इस्राइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने ब्रिटेन, कनाडा और ऑस्ट्रेलिया द्वारा फ़िलिस्तीन को मान्यता देने का कड़ा विरोध किया और कहा कि जॉर्डन नदी के पश्चिम में कोई फिलिस्तीनी राज्य नहीं हो सकता। उन्होंने आरोप लगाया कि फिलिस्तीन को मान्यता देना आतंक को बड़ा इनाम देने जैसा है।
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