बांग्लादेशी नागरिकों के अवैध घुसपैठ रैकेट का भंडाफोड़, पुलिस ने 4 लोगों को किया गिरफ्तार

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बांग्लादेशी नागरिकों के अवैध घुसपैठ रैकेट का भंडाफोड़, पुलिस ने 4 लोगों को किया गिरफ्तार

मीडिया सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, दिल्ली में बांग्लादेशियों की पहचान के लिए चलाए जा रहे विशेष अभियान के बीच दक्षिण जिला के वाहन चोरी निरोधक दस्ता ने एक और इमिग्रेशन रैकेट का भंडाफोड़ कर चार सदस्यों को गिरफ्तार किया है। यह गिरोह भी बांग्लादेशी नागरिकों को सीमा पार कराने से लेकर फर्जी भारतीय दस्तावेज के जरिये उनके आधार कार्ड बनवाने व भारतीय नागरिक बनाने का धंधा कर रहे थे। गिरफ्तार आरोपितों में दो बांग्लादेशी नागरिक बिलाल होसेन व उसकी पत्नी तान्या खान और दो भारतीय अमीनूर इस्लाम व आशीष मेहरा शामिल हैं। आशीष मेहरा बांग्लादेशी नागरिकों के आधार कार्ड, पैन कार्ड और अन्य दस्तावेज तैयार करके बांग्लादेशियों को अवैध आप्रवासन की सुविधा प्रदान कर रहा था, जबकि अमीनूर इस्लाम बांग्लादेश की सीमा से असम के कृष्णाई और न्यू बोंगोई गांव रेलवे स्टेशनों तक उनके परिवहन की सुविधा प्रदान कर रहा था। आधार कार्ड व अन्य भारतीय दस्तावेज बनाने के लिए आशीष अलग-अलग बांग्लादेशियों से उनकी हैसियत के हिसाब से अलग-अलग पैसे वसूलता था। आधार के लिए वह साढे चार हजार से 10 हजार रुपये तक चार्ज करता था। संयुक्त आयुक्त सदर्न रेंज संजय कुमार जैन के मुताबिक बांग्लादेशी भारतीय क्षेत्र में जंगल के रास्ते से प्रवेश कर दिल्ली पहुंचने के एक्सप्रेस ट्रेनों का इस्तेमाल कर रहे थे। इस गिरोह का मुख्य सरगना अनीश खेख व उसकी पत्नी सपना है जो बांग्लादेशी हैं। वह तीन साल से दिल्ली में रहकर बांग्लादेशी नागरिकों को बांग्लादेश से दिल्ली बुलाकर उनके आधार कार्ड व अन्य भारतीय दस्तावेज बनवाने से लेकर उनके रहने के लिए भी जगह दिलाने का काम कर रहा था। दोनों पति-पत्नी पुलिस से बचने के लिए दक्षिण रेंज के जिलों में जगह बदल-बदल कर रहते थे। बाद में उसने सगे भाई बिलाल होसेन व उसकी पत्नी तान्या खान को भी दिल्ली बुला लिया था। ये दोनों भी वही धंधा करने लगी। अनीश शेख का बांग्लादेश व भारत दोनों की सीमा में रहने वाले दर्जनों एजेंटों से अच्छी जान पहचान है जो बांग्लादेशियों को भारत में सीमा में प्रवेश कराने व दस्तावेज मुहैया कराने का काम करते हैं। पुलिस का कहना है कि अनीश शेख के पकड़े जाने के बाद उसके बांग्लादेशी सीमा में रहने वाले एजेंटों के बारे में पता लग सकेगा।

मीडिया से प्राप्त जानकारी के अनुसार, भारतीय सीमा में अनीश का एजेंट अमीनूर इस्लाम था जो असम के ग्वालपारा का रहने वाला है। वह मेघालय सीमा से लेकर असम के कृष्णाई सीमा तक बस चलाता था। अनीश के कहने पर वह बांग्लादेशी नागरिकों को बस से असम तक पहुंचाने के अलावा उन्हें तत्काल कुछ फर्जी भारतीय दस्तावेज मुहैया कराता था ताकि रेल यात्रा अथवा अन्य वाहनों से परिवहन के दौरान जांच में उन्हें किसी तरह की समस्या न आए। दिल्ली पुलिस द्वारा अवैध रूप से रहने वाले बांग्लादेशियों के खिलाफ धर पकड़ अभियान शुरू करने पर पकड़े जाने के डर से अनीश, एक माह पहले दिल्ली छोड़ बांग्लादेश भाग गया। बाद में उसकी पत्नी भी बांग्लादेश भाग गई। उसके बाद अनीश का आया नगर में रहने वाला भाई बिलाल, पत्नी तान्या खान के साथ गिरोह चलाने लगा। बिलाल को पुलिस ने आया नगर व तान्या को गुरुग्राम के राजीव नगर से पकड़ लिया। पुलिस ने अमीनूर इस्लाम के कब्जे से अवैध बांग्लादेशी प्रवासियों के परिवहन में इस्तेमाल उसकी टाटा विंगर वाहन (मिनी बस) जब्त कर ली है। बस को पुलिस असम से दिल्ली लेकर आ गई। डीसीपी दक्षिण जिला अंकित चौहान का कहना है कि एएटीएस प्रभारी उमेश यादव की टीम ने पिछले हफ्ते पहले बांग्लादेशी नागरिकों के अवैध आप्रवासन और फर्जी वेबसाइटों के माध्यम से आधार कार्ड और मतदाता पहचान पत्र आदि बनवाने में शामिल 12 आरोपितों को गिरफ्तार किया था। मामले की जांच के दौरान पुलिस को इस नए गिरोह के बारे में पता चला जो बांग्लादेशी नागरिकों को भारत बुलाने व उसके भारतीय दस्तावेज बनवाने से लेकर जगह भी मुहैया कराने का गोरखधंधा कर रहे थे। उनके कॉल डिटेल रिकॉर्ड (सीडीआर) की जांच के दौरान अन्य संदिग्ध व्यक्तियों से जुड़े नेटवर्क का पता चलने पर पुलिस ने 28 दिसंबर को तकनीकी निगरानी के आधार पर भारत में अवैध रूप से प्रवेश करने वाले सात बांग्लादेशी नागरिकों को अर्जनगढ़ मेट्रो स्टेशन पर पकड़ लिया था। बाद में उन्हें एफआरआरओ के माध्यम से बांग्लादेश भेज दिया गया। उसी दिन पुलिस ने एक अन्य बांग्लादेशी बिलाल को आया नगर लालबत्ती से गिरफ्तार कर लिया। तलाशी में उसके बैग से बांग्लादेश गणराज्य द्वारा जारी किए गए राष्ट्रीय आईडी कार्ड, साथ ही जाली दस्तावेज का उपयोग करके बनाए गए भारतीय आईडी-आधार और पैन कार्ड बरामद किए गए। उससे पूछताछ के बाद उसकी पत्नी को राजीव नगर, गुरुग्राम से गिरफ्तार कर लिया गया। घर की तलाशी लेने पर चार और आधार कार्ड, 18 क्रेडिट, डेबिट कार्ड, दो पैन कार्ड, छह चेक बुक, दो बैंक पासबुक, दो क्यूआर कोड, एक वोटिंग कार्ड की प्रति और एक भारतीय पासपोर्ट आवेदन पत्र बरामद किया गया। दोनों से पूछताछ और सीडीआर विश्लेषण के बाद असम से अमीनूर इस्लाम को दबोच लिया गया। वह बांग्लादेशियों को मेघालय के सीमावर्ती जिले बाघमारा से असम के कृष्णाई और बोंगाईगांव रेलवे स्टेशनों तक पहुंचा रहा था। अमीनुर इस्लाम को असम के दमरा आउट-चेक पोस्ट से गिरफ्तार किया गया और ट्रांजिट रिमांड पर दिल्ली लाया गया। उसके बाद आशीष मेहरा को देवी लाल कॉलोनी, गुरुग्राम से गिरफ्तार किया गया। आशीष अपने सहयोगी मनमोहन के साथ जाली दस्तावेज का उपयोग करके बांग्लादेशी नागरिकों के लिए आधार कार्ड बनाने की सुविधा प्रदान कर रहा था।

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