बांग्लादेश के ISKCON मंदिर पर हुए हमले दुर्भाग्यपूर्ण व निंदनीय-प्रभु जगतजीवन दास

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Team DA News:#ISKCON के संस्थापक श्रीलप्रभुपाद ने बांग्लादेश की मदद के लिए उस समय के विश्व विख्यात #Musician George Harrison से एक बड़ा Music Concert, 1 अगस्त 1971 को करवाया था और इस Concert से earn हुआ सारा Fund श्रीलप्रभुपाद (ISKCON) ने बांग्लादेश को, भोजन, कपड़े आदि की सहायता के लिए भिजवाया था। जिस ISKCON ने बांग्लादेश की इतनी उदारता और मानवीयता से मदद करी, वहॉं पर ISKCON Temple और अन्य मंदिरों पर हमला होना बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण और निंदनीय है।” उक्त विचार को Team DA के साथ एक साक्षात्कार में व्यक्त किए #ISKCON द्वारा बुंदेलखंड में अपनी सेवा दे रहे जगतजीवन दासजी ने। उन्होंने बताया कि “बचपन से मेरा RSS बैकग्राउंड होने के कारण समाज सेवा की इच्छा थी, उसी विचारधारा के तहत मैंने प्रभुपाद जी के ISKCON के वैचारिक आंदोलन को लेकर तेलंगाना, गुजरात, मध्यप्रदेश, आंध्र प्रदेश, उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र जैसे कई जगहों पर प्रचार-प्रसार किया और अपनी सेवायें दी हैं।” वे वर्तमान में बुन्देलखण्ड के छतरपुर व इसके आसपास की जगहों पर ISKCON की Theme को लेकर वैदिक आधार पर कुछ विशेष प्रोजेक्ट करने जा रहे हैं। उनके मतानुसार बुन्देलखण्ड के सागर, छतरपुर, नौगाँव, टीकमगढ़, दमोह और पन्ना के क्षेत्रों में बहुत अच्छा सहयोग मिल रहा है। उनका मानना है कि यहॉं के लोग बड़े महाजन एवं भगवान के प्रति आस्थावान हैं। जगतजीवन दासजी इस क्षेत्र में एक बड़ा भव्य वैदिक मॉडर्न गुरूकुल, विशाल गौशाला और भव्य ISKCON मंदिर बनाने की योजना पर कार्यरत हैं। उन्होंने Team DA को दिए एक साक्षात्कार में इस क्षेत्र की अनेक विशेषताओं की व्याख्या भी की। उन्होंने वहॉं की एक कहावत को बड़ा जोर देकर कहा है कि
बडे लड़इया महुबे वाले, जिनकी मार सही ना जाए,
एक को मारो दो मर जाए, तीजा दहशत में मर जाये..
उन्होंने जानकारी के लिए बताया कि “ISKCON 152 देशों में 900 से अधिक मंदिरों और 5000 छोटे- छोटे केन्द्रों के माध्यम से न केवल सनातन धर्म का प्रचार कर रहा है बल्कि मानव कल्याण के लिए भी बहुत सारे कार्य कर रहा है। यहॉं तक कि भारत में प्रतिदिन 20 लाख लोगों को Food For Life के माध्यम से प्रसाद वितरित किया जा रहा है । अफ्रीका, बांग्लादेश, यूक्रैन, रूस आदि देशों में अनेक जगहों पर ISKCON की ऐसी ही सेवायें चल रहीं हैं। उनके अनुसार यूक्रैन में ISKCON के 59 मंदिर हैं और वहॉं आज के कठिन हालातों में भी ISKCON के माध्यम से लोगों को प्रसाद, दवाईयों के साथ-साथ उन्हें वहाँ शेल्टर भी दिया जा रहा है। इसके बावजूद बांग्लादेश के ISKCON Temple और अन्य मंदिरों पर हमला होना बहुत ही निंदनीय कृत्य है।” प्रभु जगत जीवनदास ने कहा कि पूरे विश्व का ISKCON और सनातन धर्म से जुड़े सभी लोग इस घटना की निंदा कर रहे हैं। हम अपने स्तर पर प्रयास कर रहे हैं कि इस घटना से जुड़े दोषियों पर उचित ठोस क़ानूनी कार्यवाही हो और वहाँ मंदिरों एवं भक्तों को उचित सुरक्षा प्रदान की जाये। उन्होंने जनमानस से भागवतगीता और हरिनाम संकीर्तन के माध्यम से आग्रह किया कि हम सब सेवा कार्य के द्वारा सनातन धर्म को जन-जन तक पहुचायें और जीवन को सार्थक करें।

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