मीडिया सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, बांग्लादेश के संस्थापक बंगबंधु शेख मुजीबुर रहमान के गृहनगर गोपालगंज में बुधवार को हिंसा हुई, जिसमें चार लोग मारे गए। यह घटना छात्रों के नेतृत्व वाली नेशनल सिटिजन पार्टी (एनसीपी) की रैली के दौरान हुई। मुजीब नाम से मशहूर रहे शेख मुजीबुर की बेटी पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना हैं। गत वर्ष जुलाई-अगस्त में छात्रों के नेतृत्व में हिंसक आंदोलन हुआ था, जिसके चलते पांच अगस्त को हसीना की अगुआई वाली अवामी लीग सरकार अपदस्थ हो गई थी। आंदोलन का नेतृत्व करने वाले छात्र नेताओं ने गत फरवरी में एनसीपी नाम से राजनीतिक दल का गठन किया था। स्थानीय मीडिया के अनुसार, शेख मुजीबुर रहमान का गृहनगर उस समय लड़ाई का मैदान बन गया, जब हसीना के सैकड़ों समर्थक पुलिस से भिड़ गए। इसमें चार लोगों की मौत हो गई। उनके शवों को गोपालगंज जनरल अस्पताल भेजा गया, जहां के डॉक्टरों ने बताया कि उन्हें गोली लगी थी, जबकि अस्पताल में नौ अन्य लोगों का इलाज चल रहा है, जो गोली लगने से घायल हुए हैं।
मीडिया से प्राप्त जानकारी के अनुसार, अंतरिम सरकार के प्रमुख मोहम्मद यूनुस के कार्यालय ने बताया कि गोपालगंज में कर्फ्यू लगा दिया गया है और एनसीपी पर हमला करने वाले अपराधियों को सजा से बचने नहीं दिया जाएगा। यूनुस ने एक्स पर एक पोस्ट में कहा कि एक शांतिपूर्ण रैली के दौरान एनसीपी के सदस्यों, पुलिस और मीडिया पर हमला किया गया। उन्होंने हिंसा के लिए हसीना की अवामी लीग और इसके छात्र संगठन को जिम्मेदार ठहराया है। मीडिया खबरों और चश्मदीदों के अनुसार, लाठियों और ईंटों से लैस प्रदर्शनकारियों की पुलिस और सुरक्षा बलों के साथ झड़प हुई। इस दौरान कई वाहनों को नुकसान पहुंचा और एनसीपी की रैली पर हमला किया गया। नतीजन पुलिस को गोली चलानी पड़ी। एनसीपी के संयोजक नाहिद इस्लाम ने कहा कि उनकी रैली पर हमला किया गया। न्याय नहीं मिला तो उनकी पार्टी गोपालगंज को मुजीबवाद से मुक्ति दिलाने के लिए खुद आगे आएगी।
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