बाबा रामदेव को पतंजलि ‘भ्रामक विज्ञापन’ मामले में बड़ी राहत, सुप्रीम कोर्ट ने मानहानि का केस किया बंद

0
35
बाबा रामदेव को पतंजलि 'भ्रामक विज्ञापन' मामले में बड़ी राहत, सुप्रीम कोर्ट ने मानहानि का केस किया बंद
Image Source : hindi.news18.com

मीडिया सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, पतंजलि ‘भ्रामक विज्ञापन केस’ में बाबा रामदेव और आचार्य बालकृष्ण को सुप्रीम कोर्ट से बड़ी राहत मिली है। सर्वोच्च अदालत ने इस मामले में मानहानि का केस बंद कर दिया है। दरअसल, पतंजलि के उत्पादों के बारे में भ्रामक विज्ञापन दिए जाने के इस केस में माफीनामा पहले ही दाखिल किया गया था, जिसे सुप्रीम कोर्ट ने स्वीकार कर लिया है। यह फैसला सुप्रीम कोर्ट में जस्टिस हिमा कोहली और संदीप मेहता की बेंच ने सुनाया है। बता दें कि इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) ने पतंजलि पर कोविड-19 वैक्सीनेशन को लेकर गलत कैंपेन चलाने का आरोप लगाया था। इस पर अदालत ने चेतावनी दी थी कि पतंजलि आयुर्वेद की तरफ से झूठे और भ्रामक विज्ञापन तुरंत बंद होने चाहिए। इंडियन मेडिकल एसोसिएशन की ओर से दायर याचिका में कहा गया था कि पतंजलि के भ्रामक विज्ञापन से एलोपैथी दवाइयों की उपेक्षा हो रही है।

मीडिया से प्राप्त जानकारी के अनुसार, आईएमए ने कहा था कि पतंजलि के दावों की पुष्टि नहीं हुई है और ये ड्रग्स एंड मैजिक रेमेडीज एक्ट 1954 और कंज्यूमर प्रोटेक्शन एक्ट 2019 जैसे कानूनों का सीधा उल्लंघन है। विज्ञापन में पतंजलि आयुर्वेद ने दावा किया था कि उनके प्रोडक्ट कोरोनिल और स्वसारी से कोरोना का इलाज किया जा सकता है। इस दावे के बाद कंपनी को आयुष मंत्रालय ने फटकार लगाई थी और इसके प्रमोशन पर तुरंत रोक लगाने को कहा था। सुप्रीम कोर्ट की बेंच ने कहा था कि सुप्रीम कोर्ट में मामले की सुनवाई के बावजूद अखबारों में विज्ञापन दिए जा रहे थे और आपके मुवक्किल (बाबा रामदेव) विज्ञापनों में नजर आ रहे थे। सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि आप देश की सेवा करने का बहाना मत बनाइए। इसके बाद रामदेव के वकील ने कहा था कि भविष्य में ऐसा नहीं होगा। पहले जो गलती हो गई, उसके लिए माफी मांगते हैं। रामदेव ने भी अदालत से माफी मांगी थी। उन्होंने कहा था कि मैं इस आचरण के लिए शर्मिंदा हूं। हम समझते हैं कि ये सुप्रीम कोर्ट का आदेश है। तब पीठ ने कहा था कि देश की हर कोर्ट का सम्मान किया जाना चाहिए। सुनवाई के दौरान कोर्ट ने कहा था कि आपने (पतंजलि) हमारे आदेश के 24 घंटे के भीतर प्रेस कॉन्फ्रेंस की। विज्ञापन प्रकाशित करना दर्शाता है कि आपके मन में कोर्ट के प्रति कैसी भावना है। इस पर रामदेव के वकील ने कहा था कि हमसे गलती हुई है। हम इससे मुंह नहीं मोड़ रहे या छिपा नहीं रहे। हम स्वीकारते हैं। हम बिना शर्त माफी मांगते हैं।

#dailyaawaz #newswebsite #news #newsupdate #hindinews #breakingnews #headlines #headline #newsblog #hindisamachar #latestnewsinhindi

Hindi news, हिंदी न्यूज़ , Hindi Samachar, हिंदी समाचार, Latest News in Hindi, Breaking News in Hindi, ताजा ख़बरें

Google search engine

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here