मीडिया सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के अध्यक्ष डॉ. वी नारायणन ने कहा है कि बिना चालक के गगनयान परीक्षण उड़ान मिशन जी-वन का 90 प्रतिशत कार्य पूरा हो चुका है और वे इसे दिसंबर के पहले सप्ताह में लॉन्च करने के लिए तैयार हैं। बेंगलुरु में मीडिया से बातचीत में डॉ. नारायणन ने कल कहा कि चालक के साथ एस्केप सिस्टम, पैराशूट मॉड्यूल, संचार प्रणाली और अन्य उप-प्रणालियों पर परीक्षण सफल रहे हैं। व्योममित्र ह्यूमनॉइड दिसंबर में पृथ्वी की निचली कक्षा में चालक रहित गगनयान मिशन में जाएगा। गगनयान का अंतिम चालकयुक्त मिशन वर्ष 2027 के लिए निर्धारित है जिसमें तीन भारतीय अंतरिक्ष यात्री बाहरी अंतरिक्ष की यात्रा करेंगे और वापस लाए जाएंगे।
मीडिया से प्राप्त जानकारी के अनुसार, एन.आई.एस.ए.आर पृथ्वी अवलोकन उपग्रह के बारे में इसरो अध्यक्ष ने कहा कि पेलोड अगले 10 से 15 दिनों में संचालन योग्य हो जाएंगे। भारतीय अंतरिक्ष स्टेशन के संबंध में उन्होंने कहा कि इसरो 2035 तक अंतरिक्ष स्टेशन स्थापित करने पर कार्य कर रहा है और पहला बेस मॉड्यूल 2028 तक लॉन्च किया जाएगा। डॉ. नारायणन ने कहा कि सात उपग्रहों के समूह के साथ नैविक नेविगेशन सैटेलाइट 2027 तक तैयार हो जाएगा। मंगल लैंडर मिशन पर उन्होंने कहा कि इस मिशन का कॉन्फ़िगरेशन जारी है। अगली पीढ़ी के 75 से 80 हजार किलोग्राम वजन उठाने वाले रॉकेट मल्टी स्टेज लॉन्चरों के बारे में डॉ. नारायणन ने कहा कि इसरो उन प्रौद्योगिकियों पर काम कर रहा है जो मानव और गहन अंतरिक्ष मिशनों के लिए आवश्यक है।
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