छत्तीसगढ़: राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने आज बिलासपुर में गुरु घासीदास विश्वविद्यालय के 10वें दीक्षांत समारोह को संबोधित किया। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने कहा कि – “मुझे यह देखकर बहुत प्रसन्नता हुई है कि आज स्वर्ण पदक प्राप्त करने वाले 76 विद्यार्थियों में छात्राओं की संख्या 45 है, जो लगभग 60 प्रतिशत है। यह प्रदर्शन इस दृष्टि से और भी अधिक प्रभावशाली है कि कुल विद्यार्थियों में छात्राओं की संख्या लगभग 43 प्रतिशत है। राज्य की लगभग एक-तिहाई आबादी जनजातीय समुदायों की है। जनजातीय समुदाय की समृद्ध संस्कृतियों से प्रकृति के प्रति संवेदनशीलता, सामुदायिक जीवन में समानता का भाव तथा महिलाओं की भागीदारी जैसे जीवन-मूल्यों को सीखा जा सकता है।”
राष्ट्रपति मुर्मू ने कहा कि – “भारत द्वारा प्रस्तुत किए गए High Science at Low Cost के उदाहरण को देश-विदेश में सराहा जाता है। अन्तरिक्ष और परमाणु विज्ञान के क्षेत्रों में भारत को कभी-कभी अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर असहयोग का सामना भी करना पड़ा है। लेकिन, तमाम चुनौतियों के बावजूद हमारे कर्मठ वैज्ञानिकों तथा इंजीनियरों ने भारत की साख मजबूत की है।”
उन्होंने कहा कि – “इसी क्षेत्र में अवतरण करने वाले गुरु घासीदास जी ने ‘मनखे-मनखे एक समान’ अर्थात ‘सभी मनुष्य एक समान हैं’ का अमर और जीवंत संदेश प्रवाहित किया था। आज से लगभग 250 वर्ष पहले उन्होंने वंचितों, पिछड़ों और महिलाओं की समानता के लिए समाज सुधार का बीड़ा उठाया था। स्वामी विवेकानंद के अद्भुत उदाहरण से प्रेरणा लेकर आज की पीढ़ी को भारत का गौरव बढ़ाना है, देश को समावेशी समृद्धि की नई ऊंचाइयों तक ले जाना है।”
Courtsey : @rashtrapatibhvn
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