बिहार के राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ आर्लेकर ने मंगलवार को बिहार आरक्षण संशोधन विधेयक- 2023 को मंजूरी दे दी। इस विधेयक को मंजूरी देने के बाद इसे सरकार को लौटा दिया। बिहार में अब सरकारी नौकरियों और शिक्षण संस्थाओं में आरक्षण का दायरा बढ़कर 75 प्रतिशत हो जाएगा। मीडिया की माने तो, इससे पहले विधानमंडल के शीतकालीन सत्र में इस विधेयक को सर्वसम्मति से पास कर दिया गया था और राज्यपाल के पास भेजा गया था।
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, एसटी के लिए मौजूदा आरक्षण दोगुना कर किया जाएगा जबकि एससी के लिए इसे 16 प्रतिशत से बढ़ाकर 20 फीसदी किया जाएगा। वहीं, ईबीसी के लिए आरक्षण 18 फीसदी से बढ़ाकर 25 प्रतिशत तो ओबीसी के लिए आरक्षण को 12 फीसदी से बढ़ाकर 15 प्रतिशत किया जाएगा। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सदन में प्रस्ताव रखा कि सर्वेक्षण के मुताबिक एससी जो आबादी का 19.7 प्रतिशत है, को 20 प्रतिशत आरक्षण मिलना चाहिए जो मौजूदा 16 प्रतिशत से अधिक है। एसटी, जिनकी जनसंख्या में हिस्सेदारी 1.7 प्रतिशत है, का आरक्षण एक प्रतिशत से दोगुना कर दो प्रतिशत किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि ओबीसी जो आबादी का 27 प्रतिशत है और उन्हें 12 प्रतिशत आरक्षण मिलता है जबकि अत्यंत पिछड़ा वर्ग (ईबीसी) जो कि आबादी का 36 प्रतिशत हैं, उन्हें 18 प्रतिशत आरक्षण मिलता है।
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