मीडिया सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, पश्चिम मध्य बंगाल की खाड़ी के ऊपर कम दबाव का क्षेत्र बने होने व चक्रवाती परिसंचरण का क्षेत्र बना हुआ है। वहीं, एक द्रोणिका पूर्वोत्तर मध्यप्रदेश से झारखंड होते हुए बांग्लादेश तक फैली हुई है। पूर्वोत्तर असम और उसके आसपास हवा का परिसंचरण बना है। इन सभी मौसमी प्रभावों के कारण प्रदेश के मौसम में अभी बदलाव जारी रहेगा।
मीडिया से प्राप्त जानकारी के अनुसार, मौसम विज्ञान केंद्र पटना ने अगले 24 घंटों के दौरान 12 जिलों के सुपौल, अररिया, किशनगंज, सहरसा, मधेपुरा, खगड़िया, अररिया, पूर्णिया, कटिहार, भागलपुर, मुंगेर, जमुई व बांका जिले में गरज-तड़क के साथ 30-40 किमी प्रतिघंटा से हवा चलने को लेकर यलो अलर्ट जारी किया गया है। इस दौरान बिजली गिरने की भी संभावना है। कुछ स्थानों पर हल्के से मध्यम दर्जे की वर्षा की संभावना है, जबकि पटना सहित आसपास इलाकों में बादल छाए रहने के साथ कुछ स्थानों पर गरज-तड़क के साथ छिटपुट वर्षा की संभावना जताई है। तीन से चार दिनों के दौरान तापमान में विशेष परिवर्तन की संभावना नहीं है। शुक्रवार को पटना सहित सात जिलों के अधिकतम तापमान में गिरावट दर्ज की गई। पटना का अधिकतम तापमान 31.8 डिग्री सेल्सियस व 35.2 डिग्री सेल्सियस के साथ गोपालगंज में सर्वाधिक अधिकतम तापमान दर्ज किया गया। शेष जिलों के तापमान में वृद्धि दर्ज की गई। शुक्रवार को पटना सहित आसपास इलाकों में आंशिक रूप से बादल छाए रहने के साथ मौसम सामान्य बना रहा।
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