बिहार में आज से जातिगत सर्वेक्षण शुरू हो गया है। मीडिया सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने स्पष्ट किया है कि सर्वेक्षण के पहले चरण में, प्रत्येक परिवार की आर्थिक स्थिति के साथ केवल जाति संबंधी आंकड़े जुटाए जाएंगे और उप-जाति संबंधी आंकड़े नहीं लिए जाएंगे। उन्होंने कहा कि जनगणना कर्मी राज्य से बाहर रह रहे बिहार के लोगों से भी बातचीत करेंगे। उन्होंने यह भी कहा कि सर्वेक्षण में प्रत्येक परिवार की आर्थिक स्थिति का विधिवत् उल्लेख किया जाएगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि जातिगत सर्वेक्षण से यह समझने में मदद मिलेगी कि वंचित वर्गों के उत्थान के लिए कौन-से उपाय किए जाने आवश्यक हैं।
मीडिया सूत्रों के हवाले से मिली खबर के आधार पर, बिहार में बहुचर्चित जातिगत सर्वे आखिरकार शनिवार से शुरू हो गया। लगभग 500 करोड़ रुपये की लागत से हो रहा यह सर्वे दो चरणा में पूरा किया जाएगा। मीडिया के अनुसार, पहले चरण को 21 जनवरी तक पूरा कर लिया जाएगा। इसमें राज्य के सभी परिवारों का पूरा डेटा सिस्टम में फीड किया जाएगा। वहीं इसके बाद दूसरा चरण शुरू होगा। इसमें सभी परिवार को जाति, उपजाति और धर्म के हिसाब से वर्गीकृत किया जाएगा। इसके लिए पहले ही बिहार सरकार के कर्मचारियों को ट्रेनिंग दे दिया गया है।
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