”चाणक्य की नीति हूँ , आर्यभट्ट का आविष्कार हूँ मैं ।
महावीर की तपस्या हूँ , बुद्ध का अवतार हूँ मैं।
अजी हाँ! बिहार हूँ मैं।।”
ये चंद पंक्तियां बिहार के गौरवपूर्ण इतिहास को बयां करती है। बुद्ध की प्राचीन भूमि बिहार ने भारतीय इतिहास का स्वर्णिम काल देखा है। यह वही भूमि है जहां पहले गणतंत्र के बीज बोए गए थे और जिसने लोकतंत्र की पहली फसल पैदा की थी। बिहार की ऐसी उर्वर मिट्टी है जिसने असंख्य बुद्धिजीवियों को जन्म दिया है, जो न केवल देश में बल्कि पूरे विश्व में ज्ञान और ज्ञान का प्रकाश फैलाते हैं। राज्य की राजधानी पटना में है, जो पवित्र गंगा नदी के तट पर स्थित है। कुछ इस तरह बिहार राज्य को आकार दिया गया।
आज हम हम इसकी बात इसलिए कर रहे हैं क्योंकि आज मंगलवार यानि ”22 मार्च 2022” को बिहार पूरे 110 वर्ष का हो गया है। जी हां, दरअसल, आज बिहार का स्थापना दिवस मनाया जा रहा है। सबसे खास बात ये है कि आज का यह खास दिन केवल एक राज्य तक ही सिमटकर नहीं रह गया बल्कि पूरी दुनिया में फैले बिहारवासी आज इस दिन को सेलिब्रेट कर रहे हैं। इस कड़ी में राज्यभर में विशेष कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं और उनके माध्यम से बिहार की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत से लोगों को परिचित कराने का प्रयास किया जाता है।
इस मौके पर राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद और पीएम मोदी ने शुभकामनाएं दी हैं। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने इस अवसर पर कहा, बिहार का एक गौरवशाली अतीत और समृद्ध सांस्कृतिक विरासत है।