बुंदेलखंड का पहला सरकारी कैंसर अस्पताल जल्द ही खुलेगा, अस्पताल के लिए 70 करोड़ का प्रस्ताव, अनुमति मिली

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सागर: मीडिया सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, बुंदेलखंड का पहला सरकारी कैंसर अस्पताल सागर में खुलेगा. 80 बिस्तरों वाले इस अस्पताल के लिए जमीन चिन्हित कर ली गई है. इंफ्रास्ट्रक्चर के लिए 70 करोड़ का प्रस्ताव सरकार को भेजा गया था. इस पर सहमति भी बन चुकी है. अब सिर्फ नोटिफिकेशन जारी होना बाकी है. कैंसर अस्पताल को बुंदेलखंड मेडिकल कॉलेज की यूनिट के रूप में संचालित किया जाएगा.

बीएमसी प्रबंधन ने पीडब्ल्यूडी से बिल्डिंग का प्रस्ताव तैयार कराया है. वहीं, डॉक्टर, स्टाफ और मशीनरी के लिए अलग से प्रस्ताव भेजा गया है. जिला अस्पताल के पीछे वाले हिस्से में भवन बनेगा. यह सागर का पहला सरकारी कैंसर अस्पताल होगा. यहां कैंसर के मरीजों को उचित इलाज मिलेगा. बता दें कि मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने बीते 23 दिसंबर को कैंसर अस्पताल की घोषणा की थी.

अभी जाते थे मुंबई, नागपुर
सागर संभागीय मुख्यालय पर कैंसर अस्पताल शुरू होने से आसपास के 5-6 जिलों के कैंसर मरीजों को इलाज मिल पाएगा. अभी कैंसर के मरीजों को मुंबई, नागपुर, भोपाल और इंदौर जाना पड़ता है. कैंसर मरीजों को लंबे समय तक अस्पताल में रखने की जरूरत होती है, जिससे परिजन आर्थिक तौर पर टूट जाते हैं.

6 जिलों के मरीजों को लाभ
बुंदेलखंड अंचल में महिलाओं में ब्रेस्ट और पुरुषों में मुंह का कैंसर सबसे ज्यादा हो रहा है. युवा भी इसकी चपेट में आ रहे हैं. बीएमसी और जिला अस्पताल के डॉक्टरों ने बताया कि सागर, टीकमगढ़, दमोह, छतरपुर, निवाड़ी और पन्ना जिलों से औसतन 5-6 मरीज कैंसर के पाए जा रहे हैं. प्रथम स्टेज में ही कैंसर की पहचान होने से बड़े जोखिम से बचा जा सकता है. कैंसर अस्पताल बनने से सर्जरी और कीमोथेरेपी की सुविधा मिल सकेगी.

शासन को भेजा प्रस्ताव
बीएमसी के डीन डॉ. प्रमेंद्र सिंह ठाकुर ने बताया कि कैंसर अस्पताल भवन के लिए 70 करोड़ रुपये का प्रस्ताव शासन को भेजा गया था. इसकी तकनीकी स्वीकृति जल्द आएगी. विशेषज्ञ, स्टाफ और मशीनरी के लिए अलग से प्रस्ताव भेजा गया है. उम्मीद है कि सागर में जल्द कैंसर अस्पताल शुरू होगा.

 बुंदेलखंड क्षेत्र में कैंसर के मरीजों की निरंतर बढती संख्या, मरीज हित में स्वास्थ्य सुविधाओं में वृद्धि को देखते हुए कैंसर अस्पताल खोला जाना आवश्यक है। बीएमसी में स्वीकृत होगा न्यूरोसर्जन का पद खाद्य मंत्री राजपूत ने मुख्यमंत्री को बताया कि बुंदेलखंड मेडिकल कॉलेज में पिछले 15 सालों से न्यू‍रोसर्जन का पद स्वीकृत नहीं है। जिससे हेड इंजरी के मरीजों को इलाज के लिए सागर से बाहर जाना पड़ता है। कई बार रास्ते में इलाज के अभाव में मरीज दम तोड़ देते हैं। इस पर मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने भरोसा दिया है कि जल्द ही मेडिकल कॉलेज सागर में न्यूरोसर्जन का पद स्वीकृत किया जाएगा।

उल्लेखनीय है कि बुंदेलखंड क्षेत्र के सागर संभाग में 6 जिले सागर, दमोह, छतरपुर, टीकमगढ़, पन्ना और निवाड़ी को मिलाकर सागर संभाग की संख्या करीब 79 लाख है। बुंदेलखंड चिकित्सा महाविद्यालय में सागर जिले और आसपास के जिलों के मरीज इलाज के लिए आते हैं। खाद्य मंत्री राजपूत ने कहा कि कैंसर एक गंभीर बीमारी है। जिससे मरीज को उपचार के लिए अन्य महानगरों में जाना पड़ता है और उन्हें कई बार आर्थिक समस्याओं से गुजरना पड़ता है। सागर जिले में कैंसर अस्पताल की सुविधा होने से इन सभी समस्याओं का निदान हो सकेगा। बीएमसी में जल्द कैंसर अस्पताल शुरू कराने का आश्वासन मुख्यमंत्री ने दिया है।

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News & Image Source: khabarmasala

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