भारतीय रिजर्व बैंक ने रुपये में व्यापारिक भुगतान की प्रणाली शुरू की है। रिजर्व बैंक ने भारतीय मुद्रा में निर्यात और आयात के चालान, भुगतान तथा अदायगी के लिए यह अतिरिक्त व्यवस्था की है। इस पहल का उद्देश्य भारत से निर्यात पर जोर देने के साथ ही वैश्विक व्यापार को बढ़ावा देना और भारतीय मुद्रा में वैश्विक व्यापारिक समुदाय की बढ़ती रुचि में सहयोग करना है। इस प्रक्रिया को लागू करने से पहले, अधिकृत डीलर बैंकों को रिजर्व बैंक के विदेशी मुद्रा विभाग से अनुमति लेना आवश्यक था।
इस प्रणाली के तहत सभी प्रकार के निर्यात और आयात के भुगतान को रुपये में वर्गीकृत कर चालान तैयार किया जा सकता है। भारत में अधिकृत डीलर बैंकों को रुपये के वोस्ट्रो खाते को खोलने की अनुमति दी गई है। इसके अलावा, किसी भी देश के साथ व्यापारिक लेनदेन के निपटान के लिए, भारत में इस तरह के बैंक भागीदार व्यापारिक देश के संबंधित बैंकों के साथ विशेष वोस्ट्रो खाते खोल सकते हैं।
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