भारतीय रिजर्व बैंक ने अपनी प्रमुख ब्याज दरों में कोई बदलाव नहीं किया है। रेपो दर 4 प्रतिशत और रिवर्स रेपो दर तीन दशमलव तीन-पांच प्रतिशत पर बनी रहेंगी। वित्त वर्ष 2022-2023 में पहली द्विमासिक मौद्रिक नीति समीक्षा बैठक के बाद मुंबई में पत्रकारों से बातचीत में रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने आज यह घोषणा की। समिति ने सर्वसम्मति से उदार रुख अपनाए रखने का फैसला लिया। पिछली दस बैठकों में समिति का यही फैसला बरकरार रहा है। 22 मई 2020 में कोविड महामारी के बाद राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन के मद्देनजर रेपो दर में कटौती की गई थी, तब से लेकर अब तक रेपो दर सबसे निचले स्तर पर बनी हुई है।
रिजर्व बैंक के गवर्नर ने कहा है कि नकदी समायोजन सुविधा यानि एल.ए.एफ. का विस्तार करते हुए इसे महामारी से पहले के पचास आधार अंक तक लाने का फैसला लिया गया है। सीमांत स्थायी सुविधा यानि मार्जिनल स्टैंडिंग फैसलिटी चार दशमलव दो-पांच प्रतिशत पर ही बनी रहेगी। तीन दिन तक चली मौद्रिक नीति समिति की बैठक में ये निर्णय लिए गए। |
भारतीय रिजर्व बैंक ने रेपो दर और रिवर्स रेपो दर में कोई बदलाव नहीं किया
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