मीडिया सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, भारत और चीन ने द्विपक्षीय संबंधों में स्थिरता लाने और फिर से सक्रिय करने के उद्देश्य से विदेश सचिव और चीन के उप-मंत्री की बैठक के दौरान कई उपायों पर सहमति व्यक्त की है। इनमें कैलाश मानसरोवर यात्रा को फिर से शुरू करना, दोनों देशों के बीच सीधी उड़ानों की बहाली और अन्य बातों के अलावा सीमा पार नदी के आंकड़ों को साझा करना शामिल है। चीन की दो दिन की यात्रा पर गए विदेश सचिव विक्रम मिस्री इस बैठक में शामिल हुए। विदेश मंत्रालय ने कहा है कि संबंधित पक्ष मौजूदा समझौतों के अनुसार कैलाश मानसरोवर यात्रा को फिर से शुरू करने के तौर-तरीकों पर चर्चा करेगी। दोनों पक्षों ने जल विज्ञान संबंधी आंकड़ों की प्रक्रिया फिर से शुरू करने और सीमा पार नदियों से संबंधित अन्य सहयोग पर चर्चा करने के लिए भारत-चीन के विशेषज्ञों की जल्द बैठक आयोजित करने पर भी सहमति व्यक्त की।
मीडिया से प्राप्त जानकारी के अनुसार, दोनों पक्षों ने भारत-चीन के बीच सीधी हवाई सेवाएं फिर से शुरू करने पर भी सैद्धांतिक रूप से सहमति व्यक्त की। साथ ही यह भी माना कि 2025 में भारत और चीन के बीच राजनयिक संबंधों की स्थापना की 75वीं वर्षगांठ का बेहतर उपयोग किया जाना चाहिए। इस अवसर पर परस्पर बेहतर जागरूकता पैदा करने और जनता के बीच आपसी विश्वास और भरोसा बहाल करने के लिए सार्वजनिक कूटनीति प्रयासों को दोगुना करने का प्रयास किया जाना चाहिए। दोनों देशों में इस वर्षगांठ पर कई स्मारक गतिविधियों का आयोजन किया जाएगा। बैठक में आर्थिक और व्यापार क्षेत्रों में विशिष्ट चिंताओं पर इन मुद्दों को हल करने और दीर्घकालिक नीति में पारदर्शिता को बढ़ावा देने के उद्देश्य से भी चर्चा की गई। अपनी यात्रा के दौरान, विदेश सचिव ने चीन की कम्युनिस्ट पार्टी की केंद्रीय समिति के पोलित ब्यूरो के सदस्य, केंद्रीय विदेश आयोग के कार्यालय के निदेशक और विदेश मंत्री वांग यी और चीन की कम्युनिस्ट पार्टी के अंतर्राष्ट्रीय विभाग के मंत्री लियू जियानचाओ से भी मुलाकात की।
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