मीडिया सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, भारत और साइप्रस ने आतंकवाद और हिंसक अतिवाद के सभी स्वरूपों और अभिव्यक्तियों की निंदा की है। दोनों देशों ने शांति और स्थिरता को कम करने वाले आधुनिक खतरों का मुकाबला करने के लिए साझा प्रतिबद्धता व्यक्त की। निकोसिया में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और साइप्रस के राष्ट्रपति निकोस क्रिस्टोडौलाइड्स के बीच प्रतिनिधिमंडल-स्तर की बातचीत के बाद आज संयुक्त घोषणा पत्र जारी किया गया। दोनों देशों ने सीमा पार आतंकवाद का मुकाबला करने के लिए एक व्यापक और समन्वित कार्रवाई की आवश्यकता पर बल दिया। दोनों देशों ने सभी देशों से आतंकवाद के वित्तपोषण नेटवर्क को समाप्त करने, सुरक्षित पनाहगाह के उन्मूलन, आतंकवादी बुनियादी ढांचे का खात्मा करने और आतंकियों पर तेजी से कार्रवाई करने के लिए कहा। साइप्रस ने सीमा पार आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में भारत के साथ एकजुटता और अटूट समर्थन व्यक्त किया। दोनों नेताओं ने हाल के पहलगाम आतंकी हमलों में नागरिकों की हत्या की कडी निंदा की। इस बात पर भी जोर दिया गया कि हमलों के लिए जिम्मेदार लोगों पर कार्रवाई की जानी चाहिए। दोनों नेताओं ने संयुक्त राष्ट्र और यूरोपीय संघ द्वारा नामित आतंकवादियों और आतंकवादी संस्थाओं, संबद्ध छद्म समूहों, सूत्रधार और प्रायोजकों के खिलाफ ठोस कार्रवाई का आग्रह किया। घोषणा में कहा गया है कि दोनों नेताओं ने अपने संबंधित रक्षा उद्योगों के बीच सहयोग के माध्यम से, साइबर सुरक्षा और उभरती प्रौद्योगिकियों पर विशेष ध्यान देने के साथ रक्षा और सुरक्षा सहयोग प्रगाढ करने की सहमति व्यक्त की। दोनों नेताओं ने समुद्री क्षेत्र को शामिल करने के लिए सहयोग का विस्तार करने पर भी चर्चा की।
वैश्विक संकटों के मद्देनजर, दोनों पक्षों ने आपातकालीन तैयारियों और समन्वित कार्रवाई में सहयोग को मजबूत करने के लिए अपनी प्रतिबद्धता व्यक्त की। दोनों नेताओं ने शांति, लोकतंत्र, कानून के शासन, प्रभावी बहुपक्षवाद और सतत विकास के लिए अपनी साझा प्रतिबद्धता व्यक्त की। भारत और साइप्रस ने मध्य एशिया की स्थिति और यूक्रेन में युद्ध सहित अंतरराष्ट्रीय मुद्दों पर विस्तृत चर्चा की। दोनों नेताओं ने भारत-मध्य पूर्व-यूरोपीय आर्थिक गलियारे के महत्व को भी एक परिवर्तनकारी, बहु-क्षेत्रीय पहल के रूप में रेखांकित किया। उन्होंने पूर्वी भूमध्य सागर और व्यापक मध्य पूर्व में स्थिरता को बढ़ावा देने के लिए अपनी साझा प्रतिबद्धता को दोहराते हुए भारतीय प्रायद्वीप से यूरोप के लिए गलियारों को बढ़ावा देने के महत्व को रेखांकित किया।
दोनों नेताओं ने साइप्रस और भारत के बीच विज्ञान, नवाचार और अनुसंधान के क्षेत्र में व्यापार, निवेश और सहयोग के माध्यम से आर्थिक संबंधों का विस्तार करने के लिए अपनी प्रतिबद्धता व्यक्त की।
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News & Image Source: newsonair.gov.in