मीडिया सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, केंद्रीय कपड़ा मंत्री गिरिराज सिंह ने आज कहा कि भारत टिकाऊ और नए ज़माने के रेशों के निर्माण में दुनिया का नेतृत्व करेगा और 2030 तक कपास क्षेत्र को कार्बन-मुक्त बनाने का लक्ष्य रखेगा। नई दिल्ली में चौथे विश्व कपास दिवस पर संबोधित करते हुए, श्री सिंह ने कहा कि भारत दुनिया के 40 प्रतिशत कपास का उत्पादन करता है, जिसमें कस्तूरी कपास पहल और मिल्कवीड तथा नाइट्रा रेशों जैसे नवाचारों का प्रमुख योगदान है, जो सिंथेटिक रेशों से हल्के, पश्मीना से पतले और ऊन से ज़्यादा गर्म होते हैं। उन्होंने कपास मिशन के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का आभार व्यक्त किया, जिसने वैश्विक कपास क्षेत्र में भारत की अग्रणी स्थिति को मज़बूत किया है। मंत्री ने कहा कि इस पहल से भारतीय कपास किसानों को बेहतर मूल्य प्राप्ति, बेहतर गुणवत्ता मानकों और भारतीय कपास की वैश्विक ब्रांडिंग के माध्यम से काफ़ी लाभ हुआ है। श्री सिंह ने कहा कि जहां 70 प्रतिशत फ़ास्ट फ़ैशन में सिंथेटिक सामग्री का उपयोग होता है, वहीं भारत इसे एक चुनौती और अवसर दोनों के रूप में देखता है। श्री सिंह ने कपास की अच्छी वृद्धि सुनिश्चित करने और किसानों के साथ-साथ कपड़ा उद्योग को लाभ पहुँचाने के उद्देश्य से जलवायु संबंधी पहलों के बारे में भी बताया। मंत्री महोदय ने रेमी, फ्लैक्स और मिल्कवीड रेशों को बढ़ावा देने की योजनाओं की भी घोषणा की और लिनेन निर्यात में वृद्धि की सराहना की। श्री सिंह ने कस्तूरी कपास के वैश्विक बाजार का विस्तार करने, निर्यात के अधिक अवसर सुनिश्चित करने और किसानों की आय में वृद्धि के लिए कपास वस्त्र निर्यात संवर्धन परिषद (टेक्सप्रोसिल) के साथ एक समझौता ज्ञापन पर भी हस्ताक्षर किए। इस वर्ष इस आयोजन का चौथा संस्करण आयोजित किया जा रहा है, जिसका विषय “प्रौद्योगिकी, जलवायु और प्रतिस्पर्धा” है।
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News & Image Source: newsonair.gov.in