भारत ने कोविड से हुई मौतों की गणना के लिए विश्व स्वास्थ्य संगठन के तौर-तरीक़ों पर आपत्ति प्रकट की है। एक अमरीकी अख़बार में प्रकाशित लेख पर स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा है कि कोविड से हुई मौतों को सार्वजनिक करने के मामले में भारत विश्व स्वास्थ्य संगठन के साथ लगातार तकनीकी सहयोग कर रहा है।
अमरीकी अख़बार में प्रकाशित आलेख में कहा गया था कि भारत, कोविड से हुई मौत के आंकड़ों को सार्वजनिक करने के विश्व स्वास्थ्य संगठन के प्रयासों में भारत बाधक बन रहा है। मंत्रालय ने कहा है कि सरकार ने आंकड़े जुटाने के लिए दो मानदंड अपनाए जाने पर आपत्ति प्रकट करते हुए विश्व स्वास्थ्य संगठन को छह पत्र लिखे हैं।
भारत ने गैर-आधिकारिक तरीकों से जुटाए गए आंकड़ों के उपयोग पर भी सवाल खड़े किए हैं। भारत ने कहा है कि ट्यूनीशिया जैसे कम आबादी वाले देश और भारत जैसे विशाल आबादी वाले देश के लिए आंकड़े जुटाने के मानदंड एक समान नहीं रखे जा सकते।
विश्व स्वास्थ्य संगठन ने इन आंकड़ों के लिए सभी देशों को दो श्रेणियों में रखा है। भारत को दूसरी श्रेणी के देशों में रखा गया है। भारत का कहना है कि एक श्रेणी के देशों पर लागू मानदंड को भारत के 18 राज्यों के अपुष्ट आकंड़ों पर लागू करने से मौत के अनुमान में काफी अधिक अंतर सामने आ रहे हैं। इसलिये इन आंकड़ों की सटीकता संदिग्ध है।
भारत का कहना है कि यदि विश्व स्वास्थ्य संगठन के आंकड़े जुटाने का तरीका भरोसेमंद है तो इसे पहली श्रेणी के देशों पर भी लागू किया जाना चाहिए। स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा कि सरकार संगठन के साथ लगातार सहयोग कर रही है, क्योंकि सही डेटा सामने आने से नीतिगत फैसले लेने में आसानी होगी।
स्वास्थ्य मंत्रालय ने इस बात पर भी आश्चर्य व्यक्त किया है कि अमरीकी अखबार ने भारत के आंकड़े तो जुटा लिए हैं, लेकिन उसे अन्य देशों के आंकड़े नहीं मिल पाए हैं।
courtesy newsonair