भारत ने बांग्लादेश को दिया झटका, भूमि मार्ग से जूट उत्पादों के आयात पर प्रतिबंध लगाया

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भारत ने बांग्लादेश को दिया झटका, भूमि मार्ग से जूट उत्पादों के आयात पर प्रतिबंध लगाया

मीडिया सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, भारत ने शुक्रवार को बांग्लादेश से भूमि मार्ग से कुछ जूट उत्पादों और बुने हुए कपड़ों के आयात पर प्रतिबंध लगा दिया है। हालांकि, विदेश व्यापार महानिदेशालय (डीजीएफटी) ने एक अधिसूचना में कहा कि इसकी अनुमति केवल न्हावा शेवा बंदरगाह के माध्यम से दी गई है। 17 मई को भारत ने बांग्लादेश से रेडीमेड कपड़ों और प्रसंस्कृत खाद्य पदार्थों जैसी कुछ वस्तुओं के आयात पर बंदरगाह प्रतिबंध लगा दिया था। इन प्रतिबंधों के अंतर्गत आने वाले उत्पादों में जूट उत्पाद, एकल सन यार्न, जूट का एकल यार्न, बुने हुए कपड़े या फ्लेक्स तथा जूट के बिना साफ किए बुने हुए कपड़े शामिल हैं। संसदीय समिति की बैठक में शुक्रवार को पाकिस्तान और चीन के साथ बांग्लादेश की बढ़ती निकटता और भारत के अपने पूर्वी पड़ोसी के साथ तनावपूर्ण संबंधों पर चर्चा की गई। इस बैठक में कुछ विशेषज्ञों ने बांग्लादेश के साथ संबंधों को बेहतर बनाने के सुझाव दिए।

मीडिया से प्राप्त जानकारी के अनुसार, विदेश मामलों की स्थायी समिति के अध्यक्ष शशि थरूर ने कहा कि पूर्व विदेश सचिव शिवशंकर मेनन, लेफ्टिनेंट जनरल सैयद अता हसनैन, बांग्लादेश में भारत की पूर्व उच्चायुक्त रीवा गांगुली दास और जाने-माने शिक्षाविद् अमिताभ मट्टू विशेषज्ञ के रूप में उपस्थित हुए। उन्होंने हमें बहुत अच्छे सुझाव दिए। बांग्लादेश से घुसपैठ के बारे में पूछे गए एक सवाल के जवाब में थरूर ने कहा कि समिति के सामने जो आंकड़ा आया है, उससे पता चलता है कि घुसपैठियों की संख्या में कमी आई है। एक सांसद ने कहा कि कुछ सदस्यों ने पिछले साल शेख हसीना के अपदस्थ होने के बाद मोहम्मद यूनुस की अंतरिम सरकार के तहत बांग्लादेश के साथ संबंधों में तनाव पर चिंता जताई। उन्होंने हमें बहुत अच्छे सुझाव दिए। बांग्लादेश से घुसपैठ के बारे में पूछे गए एक सवाल के जवाब में थरूर ने कहा कि समिति के सामने जो आंकड़ा आया है, उससे पता चलता है कि घुसपैठियों की संख्या में कमी आई है। एक सांसद ने कहा कि कुछ सदस्यों ने पिछले साल शेख हसीना के अपदस्थ होने के बाद मोहम्मद यूनुस की अंतरिम सरकार के तहत बांग्लादेश के साथ संबंधों में तनाव पर चिंता जताई। एक विशेषज्ञ ने कहा कि बांग्लादेश में युवाओं के कट्टरपंथी होने के बावजूद इसकी सेना पाकिस्तान की तरह चरमपंथी नहीं है। सूत्रों ने बताया कि समिति के कुछ सदस्यों के लिए यह भी मुद्दा था कि भारत के लिए रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण इस देश में चीन पैर जमा रहा है। इसके अलावा पाकिस्तान भी बांग्लादेश के साथ अपने संबंधों को मजबूत करने का प्रयास कर रहा है।

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