मीडिया सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, भारत ने वैश्विक डिजिटल समझौता और भावी पीढ़ियों पर घोषणा के लिए अपना दृढ़ समर्थन दोहराया है। संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी प्रतिनिधि, पी. हरीश ने इस संधि को उभरती और दीर्घकालिक वैश्विक चुनौतियों से निपटने में एक महत्वपूर्ण कदम बताया और समावेशी एवं दूरदर्शी अंतर्राष्ट्रीय सहयोग की आवश्यकता पर प्रकाश डाला।
कल आयोजित अनौपचारिक वार्ता में संयुक्त राष्ट्र के सदस्य देशों ने संधि की 2028 की समीक्षा से पहले विचारों का आदान-प्रदान किया। श्री पी. हरीश ने इस बात पर ज़ोर दिया कि 2028 की समीक्षा परिणाम-उन्मुख होनी चाहिए, जिसमें स्पष्ट लक्ष्य और समय-सीमाएँ हों।
उन्होंने कहा कि अधिकांश सदस्य देश वर्तमान भू-राजनीतिक वास्तविकताओं को बेहतर ढंग से प्रतिबिंबित करने और परिषद की विश्वसनीयता बढ़ाने के लिए सुरक्षा परिषद में सुधार का समर्थन करते हैं। श्री हरीश ने 79वें संयुक्त राष्ट्र सत्र के दौरान प्रगति की कमी की भी आलोचना की, जहाँ वार्ता बिना किसी ठोस कदम के समाप्त हो गई। उन्होंने तत्काल वार्ता का आह्वान किया और कुछ देशों द्वारा यथास्थिति बनाए रखने के प्रयासों का विरोध किया।
संधि के कार्यान्वयन को व्यापक संयुक्त राष्ट्र लक्ष्यों के साथ समायोजित करने के महत्व पर प्रकाश डालते हुए भारतीय प्रतिनिधि ने कहा कि यू.एन. एट-80 पहल को संधि के ढांचे में पूरी तरह से एकीकृत किया जाना चाहिए।श्री हरीश ने कहा कि भारत एक आम सहमति पर आधारित समाधान की आशा करता है और संधि और उसके अनुबंधों के प्रभावी कार्यान्वयन के लिए सभी हितधारकों के साथ काम करने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है।
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News & Image Source: newsonair.gov.in