केन्द्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री डॉक्टर मनसुख मांडविया ने कहा है कि भारत में कुष्ठ रोग के नये मामलों में लगातार कमी आ रही है और कुष्ठ निवारण में भारत को सफलता मिल रही है। नई दिल्ली में राष्ट्रीय कुष्ठ रोग निवारण दिवस के अवसर पर एक वीडियो संदेश में श्री मांडविया ने कहा कि समाज के सहयोग से भारत 2027 तक कुष्ठ मुक्त भारत का लक्ष्य प्राप्त कर सकता है।
कुष्ठ रोगियों के कल्याण के प्रति महात्मा गांधी के सरोकार को देखते हुए देश में राष्ट्रीय कुष्ठ उन्मूलन कार्यक्रम की शुरूआत हुई। यह कार्यक्रम कुष्ठ मुक्त भारत के गांधी जी के सपने को सच्ची श्रद्धांजलि है।
स्वास्थ्य और परिवार कल्याण राज्य मंत्री डॉक्टर भारती प्रवीण पवार ने इस बात पर चिंता व्यक्त की है कि विश्व के कुल कुष्ठ रोगियों में करीब 52 प्रतिशत भारत में हैं।
आज नई दिल्ली में इस अवसर पर डॉक्टर भारती ने कहा कि देश ने राष्ट्रीय कुष्ठ उन्मूलन कार्यक्रम जैसे प्रयासों के माध्यम से और राज्यों तथा नागरिकों की भागीदारी से कुष्ठ रोग से निपटने का दृढ़ संकल्प लिया है।
उन्होंने कहा कि इस दिशा में प्रगति हो रही है और प्रति वर्ष कुष्ठ रोग के नए मामलों में कमी नजर आ रही है। स्वास्थ्य राज्य मंत्री ने कहा कि वर्ष 2014-15 में दस हजार की जनसंख्या पर कुष्ठ रोग के मामले शून्य दशमलव छह-नौ प्रतिशत थे, जो वर्ष 2021-22 में घट कर शून्य दशमलव चार-पांच प्रतिशत हो गए हैं।
उन्होंने कहा कि इस बीमारी का पूरी तरह उन्मूलन करने के लिए सतत प्रयास की आवश्यकता है। डॉक्टर भारती ने कहा कि वर्ष 2015 से राष्ट्रीय कुष्ठ रोग रोधी कार्यक्रम के अंतर्गत सतत प्रयास से भारत ने कुष्ठ रोग के कारण हो रही कई प्रकार की विकलांगता रोकने में सफलता हासिल की है।
डॉक्टर भारती ने कार्यक्रम के दौरान राष्ट्रीय नीतिगत योजना और 2023 से 2027 तक कुष्ठरोधी कार्य योजना का भी शुभारंभ किया। इस योजना का उद्देश्य वर्ष 2027 तक देश से कुष्ठ रोग का उन्मूलन करना है।
News & Image Source : newsonair.gov.in
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