वित्त मंत्री निर्मला सीतारामन ने कहा है कि भारत में वित्तीय सेवाओं का भविष्य बैंकिंग और संबंधित सेवाओं के अधिकाधिक डिजिटीकरण से संचालित हो रहा है। उन्होंने कहा कि डिजिटीकरण से बैंकों, वित्तीय संस्थाओं और ग्राहकों के लिए वित्तीय सेवाएं अधिक सुगम बनाने में मदद मिली है। उन्होंने कहा कि अगले 25 वर्षों में यह सिलसिला और बढेगा।
मीडिया सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, वित्त मंत्री निर्मला सीतारामन ने यह बात नई दिल्ली में फिक्की द्वारा आयोजित भारत में वित्त का भविष्य विषय पर एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कही। उन्होंने कहा कि विश्वभर में वित्त संबंधी औसत तकनीकी सेवाएं 64 प्रतिशत स्वीकार की गई हैं, जबकि भारत में इनकी स्वीकार्यता 87 प्रतिशत है। यूपीआई पर लेन-देन में बढोतरी के बारे में वित्त मंत्री ने कहा कि इस वर्ष जुलाई में छह अरब 28 करोड से अधिक ट्रांजैक्शन के जरिए यूपीआई पर एक सौ छह खरब 20 अरब रुपये का लेन-देन हुआ। उन्होंने कहा कि पिछले महीने की तुलना में इसमें सात प्रतिशत की वृद्धि हुई। उन्होंने यह भी कहा कि यूपीआई ने अगले पांच वर्षों में प्रतिदिन एक अरब ट्रांजैक्शन का लक्ष्य निर्धारित किया है।
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