भारत समेत 27 अन्य देशों और यूरोपीय संघ ने आर्टिफिशियल इंटेलिजन्स से जुड़े जोखिमों का आकलन करने के लिए एक साथ मंच पर सामने आए। यूनाइटेड किंगडम में एक बैठक की गई जिसमें सभी 27 देशों ने मिलकर काम करने का वचन देते हुए एक घोषणा पर हस्ताक्षर किए। मीडिया की माने तो, एआई को लेकर लंदन में पहला अंतरराष्ट्रीय एआई सुरक्षा शिखर सम्मेलन हुआ है जिसमें अमेरिका, भारत और चीन जैसे देशों के प्रतिनिधि शामिल हुए हैं। इन्होंने एक अंतरराष्ट्रीय घोषणा पत्र पर हस्ताक्षर भी किए हैं। यह सम्मेलन एआई पर केंद्रित था, जिसे लेकर कुछ वैज्ञानिकों ने चेतावनी दी है कि यह मानवता के अस्तित्व के लिए खतरा पैदा कर सकता है।
सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार, अमेरिकी उपराष्ट्रपति कमला हैरिस ने ब्रिटेन और अन्य देशों से एआई पर तेजी से आगे बढ़ने का आग्रह किया है। उन्होंने कहा कि एआई पर काम होना चाहिए लेकिन कानूनी तौर पर टेक कंपनियों को जवाबदेह बनाने की आवश्यकता भी है। इस सम्मेलन में ऑस्ट्रेलिया, ब्राजील, कनाडा, चिली, चीन, फ्रांस, जर्मनी, भारत, इंडोनेशिया, आयरलैंड, इस्राइल, इटली, जापान, केन्या, सऊदी अरब, नीदरलैंड, नाइजीरिया, फिलीपींस, कोरिया गणराज्य, रवांडा, सिंगापुर, स्पेन, स्विट्जरलैंड, तुर्की, यूक्रेन, संयुक्त अरब अमीरात, ब्रिटेन और संयुक्त राज्य अमेरिका और यूरोपीय संघ शामिल थे।
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