मप्र: सेंट्रल इंडिया में पहली बार ड्रोन तकनीक से जरूरी दवाएं और ब्लड के साथ ही जरूरी इंजेक्शन आस-पास के जिलों तक पहुंचाए जाएंगे। मीडिया सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. मनसुख मांडविया ने इसके लिए एम्स भोपाल में ड्रोन स्टेशन, ट्रॉमा और इमरजेंसी के लिए ओटी कॉम्प्लेक्स, डेक्सा स्कैन और कोबास 5800 प्राइवेट वार्ड का वर्चुअली उद्घाटन किया। एम्स भोपाल के ड्रोन स्टेशन से जरूरी दवाएं पहुंचाने के लिए 60 किलोमीटर दूर रायसेन जिले के गोहरगंज तहसील स्थित प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र को चुना गया है।
मध्य प्रदेश के ग्रामीण इलाकों में रहने वालों के लिए अच्छी खबर है। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, भोपाल स्थित अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) में ड्रोन स्टेशन बनाया गया है, जहां से ग्रामीण इलाकों तक ड्रोन के माध्यम से दवाएं पहुंचाई जाएंगी। मीडिया की माने तो, मध्य प्रदेश के प्रवास पर आए केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया ने इंदौर के जीपीओ चौराहे पर केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन (सीडीएससीओ) उप क्षेत्रीय कार्यालय और केंद्रीय औषधि परीक्षण प्रयोगशाला का उद्घाटन किया। साथ ही वर्चुअल रूप से एम्स भोपाल में पांच आधुनिक सुविधाओं का लोकार्पण किया। इनमें सबसे प्रमुख ट्रॉमा और इमरजेंसी ऑपरेशन थियेटर कॉम्प्लेक्स, ड्रोन स्टेशन है। जिससे आदिवासी क्षेत्रों तक दवाईयां पहुंचाई जा सकेंगी। स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया ने कहा कि यह स्वास्थ्य एवं कृषि क्षेत्र के लिए बहुत बड़ा परिवर्तन है। ड्रोन के माध्यम से हम न केवल दूरस्थ क्षेत्रों तक दवाईयां पहुंचा सकेंगे, आपातकालीन स्थिति में रक्त पहुंचना, ब्लड सैंपल लेना एवं ऑर्गन ट्रांसपोर्टेशन भी किया जा सकेगा। यह सब दर्शा रहा है कि मध्य प्रदेश की स्वास्थ्य सेवाओं में बढ़ोतरी हो रही है।
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