भोपाल : मीडिया सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, मेट्रो ट्रेन के स्टेशन से लेकर पूरे प्रोजेक्ट की सुरक्षा में अब आपको स्पेशल आर्म्ड फोर्स यानी एसएएफ के जवान नजर आएंगे। प्रदेश सरकार मेट्रो की सुरक्षा के लिए एसएएफ की विशेष कंपनी गठित करने के प्रस्ताव पर काम कर रही है। इससे इंदौर और भोपाल मेट्रो में यात्रियों और स्टेशनों की सुरक्षा अब इसी एसएएफ के हाथों में होगी।
इसके लिए 40 से 45 वर्ष आयु वर्ग के निरीक्षक से लेकर आरक्षक स्तर तक के एसएएफ अधिकारियों और जवानों को रखा जाएगा। हालांकि अभी रिटायर्ड आर्मी मैन और सुरक्षा के लिए युवकों को मिलाकर एक व्यवस्था बनी हुई है। जब तक कंपनी का गठन नहीं होता और एसएएफ की कंपनी नहीं मिलती, जब तक मौजूदा व्यवस्था से ही सुरक्षा की जाएगी।
सीएमआरएस निरीक्षण की तैयारी
इस समय भोपाल में मेट्रो रेल प्रबंधन से जुड़े तमाम अफसर- इंजीनियर कमिश्रर मेट्रो रेल सेफ्टी की जांच की तैयारियों में लगे हुए हैं। एम्स से अलकापुरी और डीआरएम मेट्रो स्टेशन पर काम काफी बाकी है। सितंबर तक 6.22 किमी का काम पूरा करने का लक्ष्य तय किया हुआ है। एमडी चैतन्य एस कृष्णा लगभग रोजाना इसे लेकर समीक्षा कर रहे हैं। हर सेगमेंट पर एक अफसर को काम पर लगाया हुआ है। अक्टूबर में सीएमआरएस के निरीक्षण की उम्मीद है। लखनऊ से आई आरडीएसओ की टीम ने भोपाल मेट्रो को 90 किलोमीटर प्रतिघंटा की रफ्तार पर दौड़ाकर परीक्षण किया।
मेट्रो का विस्तार होगा
मध्यप्रदेश में मेट्रों का विस्तार होगा। ये अतिरिक्त शहरों और उज्जैन जैसे प्रसिद्ध तीर्थ स्थलों को जोड़ने के लिए भी चलाई जा सकती हैं तो बिजली पैदा करने के लिए नए थर्मल पावर प्लांट व उनकी यूनिटें स्थापित की जा सकती हैं। ऐसे प्रस्तावों को मंगलवार होने वाली कैबिनेट बैठक में रखा जाना है। सबकुछ ठीक रहा तो इन्हें मंजूरी भी मिल सकती है।
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News & Image Source: khabarmasala