भोपाल-रामगंज मंडी नई रेल लाइन का सीआरएस निरीक्षण 21 फरवरी को

0
4

भोपाल: मीडिया सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, भोपाल-रामगंज मंडी नई रेल लाइन के संत हिरदाराम नगर से जरखेड़ा स्टेशन तक का रेलवे सुरक्षा आयुक्त (CRS), मध्य क्षेत्र, मुंबई, मनोज अरोड़ा द्वारा 21 फरवरी 2025 को निरीक्षण किया जाएगा। यह निरीक्षण इस नई रेल लाइन की सुरक्षा और यात्री ट्रेनों के संचालन के लिए उसकी उपयुक्तता सुनिश्चित करने के उद्देश्य से किया जा रहा है।

भोपाल-रामगंज मंडी रेल परियोजना का दायरा
इस नई रेलवे लाइन की कुल लंबाई 276 किमी है, जो भोपाल से रामगंज मंडी तक निर्मित की जा रही  है। इस रेल खंड का भोपाल से ब्यावरा तक का 111 किमी हिस्सा भोपाल मंडल के अंतर्गत आता है, जबकि शेष लाइन कोटा मंडल के अंतर्गत आती है।

सीआरएस निरीक्षण का मुख्य खंड
21 फरवरी को सीआरएस द्वारा संत हिरदाराम नगर से जरखेड़ा (21 किमी खंड) का निरीक्षण किया जाएगा।

CRS निरीक्षण क्या है और यह कैसे होता है?
नव निर्मित रेलवे लाइनों को यात्री ट्रेनों के लिए सुरक्षित घोषित करने से पहले, रेलवे सुरक्षा आयुक्त (CRS) द्वारा उनकी गहन जांच की जाती है। यह एक कानूनी प्रक्रिया है जो सुनिश्चित करती है कि रेलवे लाइन सभी सुरक्षा मानकों पर खरी उतरे।

CRS निरीक्षण की प्रक्रिया:
1.    पूर्व-निरीक्षण जांच: भारतीय रेलवे द्वारा पहले ही पटरियों, पुलों, सिग्नल और स्टेशनों की सुरक्षा जांच कर ली जाती है।
2.    मौके पर निरीक्षण: CRS ट्रैक की सीधी-रेखीयता, स्थिरता और मानकों की जांच करता है। पुलों, सुरंगों और लेवल क्रॉसिंग को भी परखा जाता है।
3.    सिग्नल एवं संचार परीक्षण: स्टेशन और रेलवे कंट्रोल रूम के बीच संचार और सिग्नलिंग सिस्टम की कार्यक्षमता जांची जाती है।
4.    निरीक्षण कोच से परीक्षण यात्रा: एक विशेष निरीक्षण कोच में CRS रेलवे लाइन पर यात्रा करते हैं और पटरियों की गुणवत्ता, यात्रा के आराम और गति प्रतिबंधों को जांचते हैं।
5.    गति परीक्षण: यह देखा जाता है कि रेलवे लाइन निर्धारित गति पर सुरक्षित रूप से ट्रेन चला सकती है या नहीं।
6.    सुरक्षा प्रोटोकॉल: आग सुरक्षा, आपातकालीन निकासी मार्ग और आपदा प्रबंधन योजनाओं की समीक्षा की जाती है।
7.    रेलवे अधिकारियों के साथ चर्चा: निरीक्षण के दौरान मिली कमियों को दूर करने के लिए सुधारात्मक सुझाव दिए जाते हैं।
8.    अंतिम स्वीकृति: यदि रेलवे लाइन सभी मानकों पर खरी उतरती है, तो इसे “यात्री उपयोग के लिए उपयुक्त” घोषित कर दिया जाता है।

क्यों है यह महत्वपूर्ण?
CRS निरीक्षण रेलवे लाइनों की सुरक्षा सुनिश्चित करने की अंतिम प्रक्रिया होती है। बिना CRS मंजूरी के कोई भी नई रेल लाइन यात्री गाड़ियों के लिए नहीं खोली जा सकती। यह एक कठोर सुरक्षा प्रक्रिया है जो यह सुनिश्चित करती है कि हर नया रेलखंड राष्ट्रीय सुरक्षा मानकों के अनुरूप हो।

रेलवे परियोजना की स्थिति और लक्ष्य
•    इस परियोजना में 26 स्टेशन प्रस्तावित हैं।
•    भोपाल मंडल में 111 किमी लाइन और 12 स्टेशनों के निर्माण के लिए ₹1,255 करोड़ का बजट आवंटित किया गया है।
•    परियोजना को दिसंबर 2027 तक पूरा करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है।

भोपाल-रामगंज मंडी रेल परियोजना के विभिन्न खंडों की प्रगति
•    ब्यावरा-सोनकच्छ : 45% कार्य पूर्ण
•    सोनकच्छ -नरसिंहगढ़: 15% कार्य पूर्ण
•    नरसिंहगढ़-कुरावर: 10% कार्य पूर्ण
•    कुरावर-शामपुर: 30% कार्य पूर्ण
•    शामपुर- जरखेड़ा: 70% कार्य पूर्ण
•    जरखेड़ा -संत हिरदाराम नगर: 90% कार्य पूर्ण
•    संत हिरदाराम नगर-निशातपुरा डी केबिन: 100% कार्य पूर्ण

रेलवे के विकास में नई उम्मीद
भोपाल-रामगंज मंडी रेल लाइन का यह निरीक्षण रेलवे की बुनियादी ढांचे में विस्तार और यात्री सुविधा को बेहतर बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। इस नई लाइन से यात्रियों को बेहतर कनेक्टिविटी मिलेगी, यात्रा समय में कटौती होगी और क्षेत्र का सामाजिक एवं आर्थिक विकास भी तेज़ी से होगा।

#dailyaawaz #newswebsite #news #newsupdate #hindinews #breakingnews #headlines #headline #newsblog #hindisamachar #latestnewsinhindi

Hindi news, हिंदी न्यूज़ , Hindi Samachar, हिंदी समाचार, Latest News in Hindi, Breaking News in Hindi, ताजा ख़बरें

News & Image Source: khabarmasala

Google search engine

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here