कुकी-नगा और मैतेई समुदाय के बीच 3 मई से शुरू हुई हिंसा के बाद मणिपुर में मरने वालों की संख्या लगभग 71 हो गई है। मीडिया सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, मणिपुर में हिंसा के दौरान लगभग 230 से ज्यादा लोग घायल हो गए थे और 1700 घरों को जला दिया गया था। 10 दिन पहले हुई हिंसा के बाद यहां आज भी इंटरनेट बंद है।
मीडिया सूत्रों के अनुसार, एक बार फिर मणिपुर कमांडो और उग्रवादियों के बीच गोलीबारी हुई। जिसमें 6 कमांडो घायल हो गए थे। इनमें से 1 की मौत हो गई। इसके अलावा चुराचांदपुर में भी एक गाड़ी में PWD के तीन मजदूर मरे मिले। हालांकि, उनकी मौत के कारणों का पता नहीं चल पाया है। जानकारी के अनुसार, बिष्णुपुर और चुराचंदपुर की सीमा पर तोरबंग गांव में 11 लोग अपने जले हुए घरों से सामान लेने गए थे। इस बीच उन पर उग्रवादियों ने हमला कर दिया। 8 भागकर BSF कैंप पहुंचे, जबकि 3 का अब तक कुछ पता नहीं चल पाया है। असम राइफल्स, BSF और CRPF ने इनकी तलाशी के लिए अभियान चलाया था, लेकिन उन्हें अभी तक नहीं ढूंढ पाए हैं।
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