मीडिया सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, देश में लोकसभा चुनाव की मतदान प्रक्रिया समाप्त हो गई है। आज मतगणना होगी। मतगणना की पूर्व संध्या पर कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने देश के नौकरशाहों को खुला पत्र लिखा है। पत्र में उन्होंने अधिकारियों से संविधान का पालन करने और बिना किसी भय, पक्षपात और किसी दुर्भावना के राष्ट्र की सेवा करने का आग्रह किया। उन्होंने लिखा कि किसी से डरने की जरूरत नहीं है। आप किसी भी असंवैधानिक तरीके के आगे न झुकें। किसी से न डरें और योग्यता के आधार पर अपने कर्तव्यों का निर्वहन करें।
मीडिया से प्राप्त जानकारी के अनुसार, उन्होंने आगे कहा कि हम भावी पीढ़ियों के लिए एक जीवंत लोकतंत्र और आधुनिक भारत के निर्माताओं द्वारा लिखे गए एक दीर्घकालिक संविधान के ऋणी हैं। भारत वास्तव में लोकतांत्रिक प्रकृति का बना रहे, इसी उम्मीद से मैं आप सभी को शुभकामनाएं देता हूं। मैं उम्मीद करता हूं कि संविधान के हमारे शाश्वत आदर्श बेदाग रहेंगे। उन्होंने कहा कि मैं विपक्ष के नेता (राज्यसभा) और भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के अध्यक्ष की हैसियत से यह पत्र लिख रहे हैं। इसके अलावा उन्होंने चुनाव आयोग, सशस्त्र बलों, राज्य पुलिस बलों सहित सभी लोगों को बधाई दी, जो आम चुनावों के संचालन में शामिल थे।
मीडिया में आई खबर के अनुसार, खरगे ने कहा कि पिछले दशक में सत्तारूढ़ पार्टी द्वारा हमारे स्वायत्त संस्थानों पर हमला करने, उन्हें कमजोर करने और दबाने का एक व्यवस्थित चलन देखा गया है। परिणामस्वरूप भारत के लोकतांत्रिक मूल्यों को नुकसान पहुंच रहा हैं। भारत को एक तानाशाही शासन में बदलने की व्यापक प्रवृत्ति है। अध्यक्ष ने दावा किया कि हम तेजी से देख रहे हैं कि कुछ संस्थाएं अपनी स्वतंत्रता को त्याग रही हैं और बेशर्मी से सत्ताधारी पार्टी के हुक्मों का पालन कर रही हैं। कुछ ने पूरी तरह से उनकी संवाद शैली, उनके कामकाज के तरीके और कुछ मामलों में तो उनकी राजनीतिक बयानबाजी को भी अपना लिया है।
मीडिया सूत्रों के अनुसार, उन्होंने कहा कि यह उनकी गलती नहीं है। तानाशाही शक्ति, धमकी, बलपूर्वक तंत्र और एजेंसियों के दुरुपयोग के साथ, सत्ता के आगे झुकने की यह प्रवृत्ति उनके अल्पकालिक अस्तित्व का एक तरीका बन गई है। हालांकि, इस अपमान में संविधान और लोकतंत्र हताहत हुए हैं। कांग्रेस अब समस्त नौकरशाही से आग्रह करती है कि वे संविधान का पालन करें, अपने कर्तव्यों का पालन करें और बिना किसी भय, पक्षपात या द्वेष के राष्ट्र की सेवा करें। किसी से डरें नहीं। किसी असंवैधानिक तरीके के आगे न झुकें। किसी से न डरें और इस मतगणना दिवस पर योग्यता के आधार पर अपने कर्तव्यों का निर्वहन करें।