मध्यप्रदेश का इतिहास वीरता और साहस का इतिहास, सैनिक कल्याण में अग्रणी मध्यप्रदेश

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भोपाल: मीडिया सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारतीय सेना का मनोबल बढ़ा है। सेना को नवीन तकनीक का नवीनतम हथियार उपलब्ध कराया जा रहा है। प्रधानमंत्री श्री मोदी ने विदेशी हथियारों पर भारतीय सेना की निर्भरता कम करते हुए स्वदेशी लड़ाकू विमान और हथियार निर्माण पर विशेष ध्यान दिया है। अब हम सिर्फ युद्ध का जवाब ही नहीं देते बल्कि घर में घुसकर मारते हैं। मुख्यमंत्री डॉ. यादव 3ईएमई सेंटर में भूतपूर्व सैनिक सम्मान कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे।

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि भूतपूर्व सैनिकों की देश भक्ति और समर्पण में वर्तमान सेना की नींव रखी है। जब भी मौका पड़ा आप सभी ने वीरता और शौर्य का परिचय देकर भारतीय लोकतंत्र की रक्षा की है। भारत के साथ और भी देश आजाद हुए थे। लेकिन वर्तमान समय में विश्व का सबसे बड़ा लोकतंत्र यदि जीवित है तो यह भारतीय सेना के कारण ही संभव हुआ है। सेना ने देश की सीमाओं रक्षा कर लोकतंत्र को जीवित रखा है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने भारतीय सेना के भूतपूर्व सैनिकों के अविस्मरणीय योगदान के लिए प्रदेश की जनता की ओर से अभिनंदन किया।

मध्य प्रदेश सैनिक कल्याण में सदैव अग्रणी

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि मध्य प्रदेश सैनिक कल्याण में सदैव अग्रणी रहा है। मध्यप्रदेश में सेवारत एवं सेवानिवृत्तण सैनिकों के लिये विभिन्न कल्यााणकारी योजनाओं का सफल संचालन हो रहा है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने सेना और उनके परिवारों के लिए कल्याणकारी निर्णयों की जानकारी देते हुए बताया कि युद्ध एवं सैनिक कार्रवाई में शहीद होने वाले सेना/केन्द्री य सशस्त्रय पुलिस बल के शहीदों के आश्रितों को एक करोड़ रुपये की सहायता राशि और एक आश्रित को शासकीय सेवा में विशेष नियुक्तिस दी जाएगी। सहायता राशि का आधा भाग शहीद की पत्नी को और आधा भाग आश्रित माता पिता को दिया जाएगा।

शहीदों के माता पिता को दी जाने वाली मासिक अनुदान की राशि बढ़ाकर 10 हजार रूपये और शहीदों की पुत्रियों एवं बहनों के विवाह पर आशीर्वाद राशि भी बढ़ाकर 51 हजार रुपये की गई है। प्रदेश में निवासरत द्वितीय विश्वि युद्ध के सैनिकों एवं उनकी पत्नियों की पेंशन 8 हजार रुपये से बढ़ाकर 15 हजार रुपये प्रतिमाह की गई है।  जो कि देश में सर्वाधिक है।  मध्यपप्रदेश निवासी ऐसे माता पिता, जिनकी पुत्री सेना में है, उनकी सम्मान निधि 10 हजार रुपये से बढ़ाकर 20 हजार रुपये प्रतिवर्ष की गई है। प्रदेश शासन द्वारा विभिन्न् शौर्य एवं विशिष्टई सेवा अलंकरणों से सम्मानित सैनिकों एवं उनके आश्रितों को सर्वाधिक सम्मा्न राशि दी जाती है। भूतपूर्व सैनिकों, विधवाओं, विकलांग सैनिकों एवं आश्रितों को विभिन्नि योजनाओं के अंतर्गत आर्थिक सहायता तथा छात्रवृत्ति प्रदान की जाती है, जो पूरे देश में सर्वाधिक है।

भूतपूर्व सैनिकों को शासकीय नौकरियों में आरक्षण

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि प्रदेश में पूर्व सैनिकों के बच्चों् को मेडिकल, इंजीनियरिंग, टेक्निकल एजुकेशन, लॉ समेत विभिन्न कोर्सेस में आरक्षण दिया जाता है। सभी सरकारी विभागों के ग्रुप सी एवं डी पदों पर भूतपूर्व सैनिकों को आरक्षण के साथ जिला सैनिक कल्यािण कार्यालयों में सहायक ग्रेड-3 स्तयर पर कर्मचारियों के पदों में वृद्धि करने का‍ निर्णय लिया गया है।  शासन की योजनाओं के अन्तडर्गत जमीन के लिए सैनिकों को आरक्षण दिया जाता है।

मध्यप्रदेश का इतिहास वीरता और साहस का इतिहास – भारतीय नौसेना अध्यकक्ष एडमिरल दिनेश त्रिपाठी

भारतीय नौसेना अध्याक्ष एडमिरल दिनेश त्रिपाठी ने कहा कि मध्यप्रदेश का इतिहास वीरता और साहस का इतिहास है। मध्यप्रदेश ने देश को अब तक 3 अशोक चक्र, 5 महावीर चक्र और 23 वीर चक्र दिए है। पिछले 25 वर्षों में 100 से अधिक सैनिकों ने अपना सर्वस्व भारत मां के चरणों में न्यौछावर कर दिया। यह सम्मान समारोह भूतपूर्व सैनिकों के समर्पण, योग्य नेतृत्व और योगदान को समर्पित है। उन्होंने सभी भूतपूर्व सैनिकों को सेना में उनके महत्वपूर्ण योगदान के लिए धन्यवाद दिया।

भूतपूर्व सैनिकों का ज्ञान और अनुभव सेवा के जवानों के लिए अत्यंत आवश्यक

सुदर्शन चक्र कोर कमांडर लेफ्टीनेन्टं जनरल प्रीतपाल सिंह ने कहा कि जो सेना अपने भूतपूर्व सैनिकों का सम्मान नहीं करती, वह कभी युद्ध नहीं जीत सकती। भूतपूर्व सैनिकों का ज्ञान और अनुभव सेवा के जवानों के लिए अत्यंत आवश्यक है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव के व्यक्तित्व के बारे में बोलते हुए कहा कि मुख्यमंत्री डॉ. यादव हमेशा सकारात्मक मानसिकता, कल्याणकारी कार्य को हमेशा हां और करने को तत्पर रहते है। सैनिक कल्याण बोर्ड की बैठक में जवानों और उनके परिवारों के कल्याण के लिए महत्वपूर्ण निर्णय लेने के लिए मुख्यमंत्री डॉ. यादव का आभार व्यक्त किया।

द्वितीय विश्वयुद्ध के भूतपूर्व सैनिकों की कल्याणियों और भोपाल के अमर शहीदों की परिजनों का किया सम्मान

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने द्वितीय विश्व युद्ध में वीरता के साथ लड़ने वाले भूतपूर्व सैनिकों की कल्याणियों का सम्मान किया। उन्होंने नं. 561सिपाही स्व. मुशीर अहमद की पत्नि श्रीमती फातमा बी, नं. 2659 सिपाही स्व. मो. सईद खान की पत्नि श्रीमती रईसा बेगम और नं. 451 सिपाही मो. सरीफ की पत्नि श्रीमती नफीसा बी का सम्मान किया और उनका आशीर्वाद भी लिया।  इसके साथ ही मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने भोपाल की अमर शहीदों के परिजनों को भी सम्मानित किया। सम्मानित हुए परिजनों में कैप्टन स्व. देवाशीष शर्मा, कीर्तिचक्र (मरणोपरान्त) की माताजी श्रीमती निर्मला शर्मा, मेजर स्व. अजय कुमार, सेना मेडल (मरणोपरान्त) के पिताजी श्री आर.एन. प्रसाद, ग्रुप केप्टन स्व. वरुण सिंह, शौर्यचक्र के पिताजी सेवानिवृत्त कर्नल के.पी. सिंह, सीएफएन स्व. रामस्वरूप की पत्नि श्रीमती सविता देवी, सिगनलमेन स्व. रमेश कुमार की पत्नि श्रीमती लक्ष्मी बाई और नायक स्व. दिनेश चंद्र की पत्नि श्रीमती गुनमाला देवी शामिल हैं।  मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि शहीद सैनिकों के बलिदान, देश के प्रति सेवा और समर्पण को सदैव स्मरण किया जाएगा।

भारतीय नौसेना अध्य क्ष एडमिरल दिनेश त्रिपाठी ने मुख्यमंत्री डॉ. यादव को सेना के शौर्य का प्रतीक स्मृति चिन्ह भेंट किया। कार्यक्रम के दौरान 102 रेजीमेंट इंजीनियर के जवानों ने सिख संप्रदाय की युद्ध शैलियों का प्रदर्शन किया। जवानों के शौर्य और ऊर्जा से प्रभावित होकर मुख्यमंत्री डॉ. यादव मंच से उतरे और जवानों से मिले। उनका उत्साहवर्धन किया और जवानों के साथ ग्रुप फोटो भी ली। इस अवसर पर सेना के अधिकारी, भूतपूर्व सैनिक और परिवारजन मौजूद थे।

News & Image Source: khabarmasala

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