मध्यप्रदेश में केन्द्र सरकार की राष्ट्रीय आयुष मिशन योजना के अंतर्गत आयुष विभाग द्वारा 75 आयुष ग्राम की स्थापना की गई है। योजना का उद्देश्य आयुष चिकित्सा पद्धतियों के माध्यम से ग्रामीणजन के स्वास्थ्य को उत्तम बनाये रखना है।
आयुष विभाग द्वारा चयनित प्रत्येक आयुष ग्राम की समस्त जनसंख्या का स्वास्थ्य पत्रक तैयार किया गया है। आयुष चिकित्सकों के दल द्वारा इन ग्रामों के 37 हजार परिवारों के एक लाख 60 हजार व्यक्तियों का स्वास्थ्य सर्वेक्षण कर सर्वे के रिकॉर्ड का डाटाबेस सॉफ्टवेयर में दर्ज किया गया है। इसके विश्लेषण के आधार पर ग्राम की स्वास्थ्य स्तर की रिपोर्ट तैयार कर ग्राम की स्वास्थ्य संबंधी भविष्य की कार्य-योजना निर्धारित की गई है। प्रत्येक आयुष ग्राम को कुपोषण, रक्तचाप एवं मलेरिया मुक्त बनाना भी प्रमुख उद्देश्य है। आयुष विभाग के मैदानी अमले द्वारा गर्भवती महिला एवं शिशु देखभाल संबंधी जागरूकता भी प्रदान की जा रही है।
आयुष विभाग का मैदानी अमला कुपोषण अभियान, एनीमिया, परिवार कल्याण एवं टीकाकरण आदि स्वास्थ्य विभाग द्वारा संचालित योजनाओं में भी सहयोग प्रदान कर रहा है। आयुष ग्राम में निरंतर रूप से योग शिविरों का आयोजन भी किया जा रहा है। इन शिविरों में ग्रामीणों को आयुष चिकित्सा पद्धतियों में वर्णित आहार आदतों तथा जीवन-शैलियों एवं मौसमी बीमारियों और उनकी रोकथाम आदि के प्रति भी जागरूक किया जा रहा है। आयुष ग्रामों एवं औषधालयों में जन-सामान्य के लिये उपयोगी औषधीय पौधों आँवला, गिलोय, सहजन आदि रोपण कर औषधीय हर्बल गार्डन भी विकसित किये जा रहे हैं।
चिकित्सा सुविधा का विस्तार
आयुष विभाग चिकित्सा सेवाओं को आमजन तक पहुँचाने के लिये निरंतर प्रयास कर रहा है। प्रदेश में 22 आयुष विंग तथा दो 50 बिस्तरीय आयुष चिकित्सालयों की स्थापना की स्वीकृति प्रदान की गई है। पूर्व में स्वीकृत भोपाल स्थित 50 बिस्तरीय आयुष चिकित्सालयों का निर्माण लगभग पूरा हो चुका है। इसके संचालन से आमजन को पंचकर्म की विशेष चिकित्सा सुविधा का लाभ प्राप्त होगा।