मध्यप्रदेश जन अभियान परिषद प्रदेश निर्माण परिषद भी है : सीएम शिवराज सिंह

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मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि मध्यप्रदेश जन अभियान परिषद राज्य सरकार की जनकल्याणकारी योजनाओं से जन-जन को अवगत और लाभान्वित करने निंरतर कार्य करें। परिषद ने कोरोना काल में जनहित में महत्वपूर्ण कार्य किया। अंकुर अभियान, मुख्यमंत्री सामुदायिक नेतृत्व योजना और अन्य योजनाओं से आम जन को जोड़ कर अधिक अच्छे परिणाम प्राप्त करने पर फोकस करें। राज्य सरकार आम लोगों की जिंदगी बदलने का कार्य कर रही है। परिषद सिर्फ एक संस्था नहीं बल्कि प्रदेश निर्माण परिषद है, जो समृद्ध और वैभवशाली भारत के निर्माण में राज्य के योगदान को महत्वपूर्ण बना रही है। मुख्यमंत्री चौहान कल मुख्यमंत्री निवास स्थित समत्व भवन के सभाकक्ष में मध्यप्रदेश जन अभियान परिषद के संभाग, जिला और विकासखण्ड स्तरीय समन्वयकों से संवाद कर रहे थे।

मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि परिषद के पदाधिकारी और सदस्य हम से पृथक नहीं हैं। हम- तुम एक प्राण हैं। कोविड के कठिन दो साल निकल गए। परिषद ने इस अवधि में तेजी से कार्य किया। अब हमें मिलकर विकास के लिए जुटना है। पेसा एक्ट लोगों की जिंदगी बदलने का अभियान है। पूर्व सरकार के समय सत्ता का केंद्रीकरण हो गया था। जनजातीय बहुल क्षेत्रों में जनजातीय वर्ग सहित अन्य निवास करने वाले वर्गों के हित में यह एक्ट लागू किया गया है। प्रदेश के 89 जनजातीय बहुल विकास खण्डों में पंचायतों को सशक्त बनाकर स्थानीय निवासियों को लाभान्वित करने की पहल की गई है। अधिकारों का विकेंद्रीकरण किया गया है। इस दिशा में तेंदूपत्ता तोड़ना, गिट्टी क्रेशर चलाना, जनजातीय वर्ग का शैक्षणिक सशक्तिकरण बहुत महत्वपूर्ण है। इसमें सभी का सहयोग आवश्यक है। मुख्यमंत्री चौहान ने प्रदेश में स्ट्रीट वेंडर्स, लाडली लक्ष्मी बेटियों और विशेष पिछड़ी जनजातियों, बेगा, सहरिया और भारिया के कल्याण के लिए हो रहे कार्य, ढीमर मांझी समुदायों के हित में उठाए गए कदमों का भी उल्लेख किया।

मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि प्रदेश में मुख्यमंत्री जन सेवा अभियान का संचालन कर 83 लाख हितग्राही चिन्हित किये गये। इन सभी को विभिन्न योजनाओं का लाभ मिल रहा है। मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि आगामी माह में होने जा रही अंतर्राष्ट्रीय महत्व की गतिविधियों से मध्यप्रदेश की छवि विश्व-स्तर पर निखरेगी। जहाँ ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट और प्रवासी भारतीय सम्मेलन इंदौर में हो रहा है, वहीं प्रदेश के सात स्थानों में जी 20 शिखर सम्मेलन की बैठकें भी होंगी।

परिषद के उपाध्यक्ष डॉ. जितेंद्र जामदार ने प्रारंभ में विचार व्यक्त किए। परिषद के महानिदेशक बी.आर. नायडू ने दो वर्ष के कार्यों की जानकारी देते हुए बताया कि परिषद ने समन्वयकों को आवश्यक सुविधाएँ उपलब्ध करवाने, कोरोना काल में “मैं कोरोना वालेंटियर” अभियान के माध्यम से 1.25 लाख पंजीयन, महामारी के नियंत्रण में निरंतर कार्य करने, वैक्सिनेशन में सहयोग के साथ ही पौधरोपण और पर्यावरण विकास में कार्य किया। दस विभाग की 22 योजनाओं के लिए पोर्टल निर्माण, मानिटरिंग एप और प्रस्फुटटन और नवांकुर समितियों को राशि प्रदान करने का कार्य किया गया। प्रशिक्षण योजना भी लागू की गई। उच्च शिक्षा के लिए विद्यार्थियों को प्रोत्साहित कर सहयोग देने का कार्य किया गया। नवीन राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के लिए पाठ्य सामग्री तैयार करवाई गई। प्रदेश में 22 हजार 600 एमएसडब्ल्यू और बीएस डब्ल्यू में अध्ययनरत विद्यार्थियों के लिए कक्षाओं के संचालन के साथ ही पोर्टल में समाजसेवियों के नाम दर्ज किए गए हैं। यह समाज सेवी पढ़ाई से वंचित लोगों को उच्च शिक्षा के लिए आवश्यक सहयोग प्रदान कर रहे हैं। अंत में परिषद के उपाध्यक्ष विभाष उपाध्याय ने आभार व्यक्त किया।

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