मध्यप्रदेश में अब प्रतिवर्ष होगा “एमपी ऑटो-शो”

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मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि मध्यप्रदेश अब बीमारू राज्य नहीं है। 2021-22 में प्रदेश की ग्रोथ रेट (19.3%)  देश में सर्वाधिक रही। प्रदेश की पर कैपिटा इनकम वर्तमान में एक लाख 24 हजार रूपये है। देश के जीडीपी में मध्यप्रदेश का योगदान 4.6 प्रतिशत है। प्रदेश निर्यात के क्षेत्र में लगातार आगे बढ़ रहा है। मध्यप्रदेश का गेहूं जिसे देश में सोने के दाने की ख्याति प्राप्त है, उसके निर्यात में कई गुना अधिक वृद्धि आई है। मध्यप्रदेश का बासमती चावल कनाडा और अमेरिका तक अपनी नई पहचान बना चुका है। सिर्फ कृषि के क्षेत्र में नहीं बल्कि उद्योग के क्षेत्र में भी मध्यप्रदेश ने नए कीर्तिमान स्थापित किए हैं। कोरोना काल में भी 650 से ज्यादा इंडस्ट्रीज का पंजीयन हुआ है, जिन्होंने 40 हजार करोड़ रूपए से ज्यादा का निवेश कोविड-19 के दौरान ही किया है। सुक्ष्म, लघु एवं मध्यम विभाग द्वारा भी औद्योगिक क्लस्टर्स का निर्माण किया जा रहा है। प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के आत्म-निर्भर भारत के सपने को पूरा करने के लिए हम आत्म-निर्भर मध्यप्रदेश बनाने की राह पर तेज गति से आगे बढ़ रहे हैं।

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने इंदौर में एमपी ऑटो शो-2022 में उपस्थित प्रतिभागियों को संबोधित कर रहे थे। जल संसाधन मंत्री श्री तुलसीराम सिलावट, औद्योगिक नीति एवं निवेश प्रोत्साहन मंत्री श्री राजवर्धन सिंह दत्तीगांव, सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम मंत्री श्री ओमप्रकाश सकलेचा, सांसद श्री शंकर लालवानी, जन-प्रतिनिधि अधिकारी तथा उद्योगपति कार्यक्रम में उपस्थित थे।  

मेक इन इंडिया” की तर्ज पर हुआ एमपी ऑटो-शो

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि मध्यप्रदेश का यह पहला ऑटो-शो अब हर साल आयोजित किया जाएगा। उन्होंने उद्योग विभाग एवं इंदौर जिला प्रशासन को कम समय में इतने भव्य कार्यक्रम का आयोजन करने पर बधाई दी। उन्होंने कहा कि निवेश की दिशा में यह एमपी ऑटो-शो मध्यप्रदेश में एक नई क्रांति लाएगा। नौजवानों को रोजगार मिलेगा, अर्थ-व्यवस्था को गति और आत्म-निर्भर प्रदेश के निर्माण में एक बड़ी छलांग मध्यप्रदेश को मिलेगी। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री श्री मोदी का मंत्र “मेक इन इंडिया” पर एमपी ऑटो-शो किया जा रहा है। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि इंदौर देश की सबसे क्लीन नहीं बल्कि ग्रीन सिटी भी बनने जा रहा है। एमपी ऑटो-शो में लॉन्च हुए इलेक्ट्रिक एवं ग्रीन व्हीकल को दृष्टिगत रखते हुए कहा जा सकता है कि वह दिन दूर नहीं जब ई-व्हीकल के उपयोग करने का एक नया रिकॉर्ड इंदौर बनाएगा।  

नई स्टार्ट-अप पॉलिसी से प्रदेश में निर्मित होगा औद्योगिक विकास का इकोसिस्टम

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि मध्यप्रदेश में औद्योगिक विकास और निवेश को प्रोत्साहित करने के लिए शासन द्वारा नई स्टार्ट-अप पॉलिसी मई माह में जारी की जाएगी। हमारे युवाओं के पास नवाचार से भरे विचार है और विचारों को सार्थक रूप देने के लिए राज्य शासन द्वारा आर्थिक सहायता उपलब्ध कराई जाएगी। स्टार्ट-अप पॉलिसी से एक नया वातावरण मध्यप्रदेश की धरती पर निर्मित होगा। मध्यप्रदेश देश का हृदय स्थल है, यह पूरे देश से सेंट्रली कनेक्टेड है। प्रदेश में जमीन की उपलब्धता में किसी प्रकार की कोई कमी नहीं है। कोरोना काल के दौरान मध्यप्रदेश के फार्मा सेक्टर ने देशभर में दवाइयों की आपूर्ति की थी। पीथमपुर हमारा औद्योगिक हब है, जहां दो लाख से ज्यादा लोगों को रोजगार प्राप्त हो रहा है। मध्यप्रदेश में सिंगल विंडो सिस्टम स्थापित किया गया है, जहाँ 30 दिन के अंदर इंडस्ट्रियल क्लीयरेंस उपलब्ध कराए जाते हैं। निवेश की राह में जो भी बाधा आ रही है उनको दूर करने के लिए अनेक नीतियों से “इज ऑफ डूईंग” बिजनेस स्थापित करने का प्रयास किया जा रहा है। विभिन्न सेक्टर के लिए स्पेसिफिक नीतियाँ बनाई गई हैं।

उद्योगों की मांग अनुरूप प्रदाय की जाएगी स्किल्ड मैनपॉवर

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि प्रदेश में स्थापित किए गए आईटीआई और उद्योगों में समन्वय स्थापित कर उद्योगों की मांग के अनुरूप स्किल्ड मैनपॉवर उपलब्ध कराने का प्रयास किया जाएगा। इससे रोजगार के नए अवसरों का सृजन होगा।

डेट्रॉइट नहीं पीथमपुर जैसा होना चाहिए ऑटोमोबाइल सेक्टर

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि पीथमपुर को देश का डेट्रॉइट कहा जाता था। अब हमें प्रयास यह करना है कि जब भी कोई ऑटोमोबाइल सेक्टर की बात करें तो वह कहें कि यह सेक्टर पीथमपुर जैसा बनाया जाना चाहिए। यह ऑटो-शो उसी दिशा में एक नया पड़ाव है।

पीथमपुर में बनेगी स्किल डेवलपमेंट एकेडमी

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि सीआईआई आयसर द्वारा पीथमपुर में स्किल डेवलपमेंट एकेडमी की स्थापना की जा रही है। राज्य शासन की ओर से उन्हें आश्वस्त किया जा रहा है कि एकेडमी की स्थापना के लिए जरूरी भवन और अधो-संरचना शासन द्वारा उपलब्ध कराई जाएगी, जिससे हमारे युवाओं को रोजगार के बेहतर अवसर मिल सके। उन्होंने कहा कि इस सेंटर की स्थापना के लिए 2 एकड़ भूमि जिसमें भवन बना हुआ है, उस को चिन्हित कर लिया गया है। इस एकेडमी को जल्द से जल्द शुरू किया जाएगा। एकेडमी में प्रशिक्षण ले रहे युवाओं के कैपेसिटी बिल्डिंग के लिए डेनमार्क, स्वीडन, जापान और जर्मनी के साथ टेक्नोलॉजी कोलेबोरेशन किया जाएगा। एकेडमी को सेंटर ऑफ एक्सीलेंस के रूप में नई पहचान दिलाई जाएगी।

इंदौर में होगा प्रवासी भारतीय दिवस

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि 7 और 8 जनवरी 2023को इंदौर में ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट आयोजित होगी। इसी के साथ 9 एवं 10 जनवरी को इंदौर में प्रवासी भारतीय दिवस का आयोजन किया जाएगा। इन दोनों कार्यक्रम से प्रदेश के औद्योगिक विकास को नए पंख मिलेंगे और औद्योगिक विकास में मध्यप्रदेश अपनी एक नई पहचान बनाने की दिशा में बेहतर प्रयास कर सकेगा।

11 कंपनियों के 15 व्हीकल्स की हुई लॉन्चिंग

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने एमपी ऑटो-शो में हिस्सा ले रही 11 कंपनियों के 15 व्हीकल की ऑल इंडिया लॉन्चिंग की। लॉन्च हुई गाड़ियों में आयसर की इलेक्ट्रिक बस, इलेक्ट्रिक ट्रक, कार्गो की बायोवेस्ट गाड़ी, ऑडी की इलेक्ट्रिक कार सहित अन्य व्हीकल शामिल है। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने ऑटो-शो में लगे विभिन्न स्टॉल्स का निरीक्षण भी किया। उन्होंने नई तकनीक के वाहनों को देखा और सराहा।

इंदौर में बनेगा टेक्नोलॉजी पार्क

औद्योगिक नीति एवं निवेश प्रोत्साहन मंत्री श्री राजवर्धन सिंह दत्तीगांव ने कहा कि मुख्यमंत्री श्री चौहान के प्रयास और संकल्प से ही एमपी ऑटो-शो 2022 संभव हो सका है। इस आयोजन से हम मध्यप्रदेश में औद्योगिक विकास के लिए बेहतर इकोसिस्टम और सुविधाएँ प्रदान करने का प्रयास कर रहे हैं।

सुक्ष्म , लघु एवं मध्यम उद्योग मंत्री श्री ओमप्रकाश सकलेचा ने कहा कि इंदौर में जल्द ही नया टेक्नोलॉजी पार्क स्थापित किया जायेगा, जिससे हम स्किल डेवलपमेंट की दिशा में कार्य कर सकेंगे। उन्होंने बताया कि मध्यप्रदेश में औद्योगिक क्लस्टर्स बनाए जा रहे हैं, उद्योगपतियों की माँग अनुरूप हम इन क्लस्टर को ट्रेड स्पेसिफिक भी बनाने का प्रयास करेंगे।

जल संसाधन मंत्री श्री तुलसीराम सिलावट ने कहा कि मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान जो भी बोलते हैं वह अवश्य करते हैं। उनके इसी संकल्प का परिणाम है एमपी ऑटो-शो। उन्होंने कहा कि यह ऑटो-शो सिर्फ प्रदेश में नहीं बल्कि देश में भी अपनी छाप छोड़ेगा।

कार्यक्रम में मुख्यमंत्री श्री चौहान द्वारा प्रदेश में औद्योगिक विकास हेतु की गई घोषणाएँ

  • राज्य शासन द्वारा मई माह में नई स्टार्ट अप नीति के साथ-साथ इलेक्ट्रिक व्हीकल और इलेक्ट्रिक व्हीकल कंपोनेंट मैन्युफैक्चरिंग के लिए जारी की जाएगी नई नीति।

  • नवीन नीति में निवेश के लिए 40 प्रतिशत तक टैक्स डीलिंग निवेश प्रोत्साहन सहायता उपलब्ध कराई जाएगी।

  • निजी और अविकसित सरकारी भूमि होने पर अगर उस पर उद्योग स्थापित करने के लिए अधो-संरचना विकास की जरूरत होगी, तो राज्य शासन द्वारा बिजली, पानी और सड़क पर किए गए व्यय की प्रतिपूर्ति की जाएगी।

  • राज्य शासन द्वारा उद्योगों के लिए पावर टेरिफ में रियायत दी जाएगी।

  • अनुसंधान और विकास को प्रोत्साहित करने के लिए पेटेंट पर किए गए व्यय की प्रतिपूर्ति भी राज्य शासन द्वारा की जाएगी। साथ ही गुणवत्ता प्रमाणीकरण पर किए गए व्यय की भी प्रतिपूर्ति की जाएगी।

  • नवीन नीति अंतर्गत दिव्यांगजनों के कौशल विकास के लिए जमा की जाने वाली पीएफ राशि की प्रतिपूर्ति भी शासन द्वारा की जाएगी।

  • इलेक्ट्रिसिटी ड्यूटी, स्टांप ड्यूटी, अपशिष्ट प्रबंधन से संबंधित निवेशकों के प्रस्ताव पर केस-टू-केस विचार किया जाएगा और उसके आधार पर निवेश प्रोत्साहन सहायता उपलब्ध कराई जाएगी।

  • मेगा स्टेटस प्राप्त निवेश प्रस्तावों को शासन द्वारा कस्टमाइज्ड इंसेंटिव प्राप्त करने की पात्रता होगी।

  • सीआईआई आयसर द्वारा पीथमपुर में स्थापित किए जा रहे स्किल डेवलपमेंट एकेडमी के लिये राज्य सरकार द्वारा भवन एवं जरूरी अधो-संरचना उपलब्ध कराई जाएगी।

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