भारत में पहली बार महिला ब्लाइंड क्रिकेट टीम का गठन किया गया है। मीडिया सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, जिसमें दमोह के गांव घानामैली की बेटी भारत की महिला ब्लाइंड क्रिकेट टीम की कप्तान बनी है। गांव की बेटी अब देश का प्रतिनिधित्व करेगी। जिससे पूरा जिला गौरवान्वित हो रहा है। सुषमा जब छोटी थी, तभी उसकी आंखें खराब हो गई थीं। लेकिन उसने हार नहीं मानी और कड़ी मेहनत कर ये मुकाम हासिल किया।
मीडिया सूत्रों की माने तो, जिले से करीब 40 किमी दूर जबेरा ब्लॉक के एक छोटे से गांव घानामैली की रहने वाली सुषमा पटेल 20 का भारतीय दृष्टिबाधित महिला क्रिकेट टीम में न सिर्फ चयन हुआ है, बल्कि उन्हें टीम का कप्तान भी बनाया गया है। सुषमा की इस उपलब्धि पर गांव ही नहीं पूरे जिले में खुशी का माहौल है। सुषमा के पिता बाबूलाल पटेल ने बताया कि वह 10-10 घंटे काम करता थे ताकि अपने बच्चों को बेहतर शिक्षा, अच्छा खाना दे सकें। भगवान की कृपा से आज मेरी मेहनत और परिश्रम की बदौलत बेटी की इस उपलब्धि से परिवार खुशी से फूला नहीं समा रहा है। सुषमा की इस उपलब्धि पर गांव ही नहीं पूरे जिले में खुशी का माहौल है।
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