मध्यप्रदेश में भ्रष्टाचार पर रोक नहीं लग रही है। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, अब भोपाल लोकायुक्त की टीम ने बड़ी कार्यवाही करते हुए विदिशा के मछली विभाग में पदस्थ वरिष्ठ अधिकारी को लोकायुक्त की टीम ने 50 हजार की रिश्वत लेते हुए पकड़ा है। शासन द्वारा मछली विक्रेताओं को दी जाने वाली अनुदान राशि रिलीज करने के एवज में एक मछली विक्रेता से रिश्वत मांगी थी।
मीडिया की माने तो, शिकायतकर्ता हरिराम रैकवार निवासी फ्रीगंज मोहल्ला गंजबासौदा द्वारा पुलिस अधीक्षक भोपाल संभाग भोपाल के समक्ष उपस्थित होकर शिकायत प्रस्तुत की गई थी। शिकायत आवेदन ने शिकायतकर्ता द्वारा उल्लेख किया गया था कि वह और उसका परिवार मछली विक्रय का कार्य करता है। प्रधानमंत्री मत्स्य योजना के अंतर्गत शासन द्वारा मछली विक्रेताओं को अनुदान राशि दी जाती है। उसके द्वारा अपनी पत्नी रानी बाई रैकवार के नाम से शासन की योजना के अनुसार लोडिंग ऑटो क्रय कर क्रय रसीद सहित सहायता राशि प्रदान करने बाबत आवेदन मत्स्योदय विभाग विदिशा में किया गया जाकर संतोष दुबे सहायक संचालक मत्स्योदय विभाग विदिशा से मिला था संतोष दुबे के द्वारा शासन की योजना अंतर्गत दी जाने वाली कुल राशि 1,80,000 में से 50,000 रुपए रिश्वत के रूप में मांगी जा रही थी। पुलिस अधीक्षक महोदय के निर्देश के पालन में शिकायत का सत्यापन किया गया।
बता दें कि, सत्यापन में शिकायत आवेदन में उल्लेखित तथ्य सही पाए जाने पर कार्यवाही करते हुए आज अनावेदक संतोष दुबे सहायक संचालक मत्स्योदय विभाग विदिशा को शिकायतकर्ता हरिराम रैकवार से राशि रू 50,000 लेते हुए रंगे हाथ पकड़कर निरीक्षक नीलम पटवा की टीम द्वारा कार्यवाही की जा रही है। लोकायुक्त की टीम में कलेक्टर कार्यालय से उपलब्ध कराए गए अधिकारियों के अतिरिक्त टीआई, टीआई घनश्याम, एचसी राजेंद्र, एचसी नेहा, एचसी आरडी कुर्मी, एचसी मुकेश और आर बृज बिहारी पाण्डेय शामिल हैं।
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