मीडिया सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, कल मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि आदि शंकराचार्य ने बाल्यकाल में प्रदेश के ओंकारेश्वर में आकर निवास किया। उनके दर्शन और शिक्षाओं को आज भी प्रासंगिक माना जाता है। सम्पूर्ण समाज को एकता के सूत्र में बांधने का कार्य करने वाले आदि शंकराचार्य की विशाल प्रतिमा ओंकारेश्वर में स्थापित है। प्रतिमा स्थल सहित सम्पूर्ण ओंकारेश्वर के समग्र विकास के लिए सभी आवश्यक कार्य सम्पन्न किए जाएं। सिंहस्थ : 2028 तक ओंकारेश्वर भी उज्जैन की तरह श्रद्धालुओं और पर्यटकों के विशेष आकर्षण का केन्द्र बने, इस दिशा में सभी प्रयास किए जाएं। यह स्थान प्रदेश के धार्मिक और आध्यात्मिक पर्यटन का महत्वपूर्ण केन्द्र है। उन्होंने कहा कि एकात्म धाम ओंकारेश्वर में शिव पंचायतन मंदिर परिसर का विकास महाकाल लोक की तरह किया जाए।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने गुरूवार को समत्व भवन (मुख्यमंत्री निवास) के सभाकक्ष में एक बैठक में एकात्म धाम, ओंकारेश्वर के विकास के संबंध में वरिष्ठ अधिकारियों से विचार-विमर्श कर आवश्यक निर्देश दिए। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने संस्कृति विभाग द्वारा तैयार प्रजेंटेशन भी देखा।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि ओंकारेश्वर में सुविधाओं के विकास से यहां आने वाले श्रद्धालुओं और अन्य पर्यटकों की संख्या निश्चित ही बढ़ेगी। नागरशैली में अयोध्या के राम मंदिर की तरह इस आस्था स्थल में मंदिर का निर्माण प्रदेश की विशेष पहचान में सहायक होगा। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि एकात्म धाम और क्षेत्र में आने-जाने के सुविधाजनक मार्गों के निर्माण और प्रस्तावित रोप-वे की व्यवस्था के लिए समय-सीमा में कार्यों को पूर्ण किया जाए।
बैठक में अपर मुख्य सचिव मुख्यमंत्री कार्यालय डॉ. राजेश राजौरा, अपर मुख्य सचिव नगरीय विकास एवं आवास संजय कुमार शुक्ला, प्रमुख सचिव संस्कृति शिवशेखर शुक्ला, पर्यटन विकास निगम के प्रबंध संचालक इलैयाराजा टी एवं अन्य अधिकारी उपस्थित थे।
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News & Image Source: mpinfo.org