महिला सशक्तिकरण की प्रभावी पहल, परी बाजार: राज्यपाल पटेल

0
2

मीडिया सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, कल राज्यपाल मंगुभाई पटेल ने कहा कि परी बाजार, महिला सशक्तिकरण की सराहनीय पहल परी बाजार का आयोजन है। बाजार महिला कारीगरों को बढ़ावा देने का सार्थक प्रयास है। राज्यपाल पटेल परी बाजार हेरिटेज फेस्टिवल के शुभारम्भ कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने गौहर महल परिसर में बेगम्स ऑफ भोपाल द्वारा गोण्डी चित्रकला की थीम पर आयोजित परी बाजार का फीता काटकर शुभारंभ किया। महिला शिल्पकारों की उत्पाद प्रदर्शनी का अवलोकन भी किया।

राज्यपाल पटेल ने कहा कि भोपाल की सांस्कृतिक जड़ों ने सदियों से हमारी पुरातात्विक, ऐतिहासिक, धार्मिक, साहित्यिक और कलात्मक धरोहरों को मजबूती से संरक्षित रखा है। भोपाल शहर के कैनवास पर कला और साहित्य की गौरवशाली विरासत बहुरंगी चटकीली चमक की छटाएं सारी दुनिया को अपनी ओर खींचती है। उन्होंने हुनरमंद कारीगरों और उत्पादों के प्रोत्साहन प्रयासों के लिए आयोजकों की सराहना की।

गोण्डी चित्रकला समृद्ध जनजातीय कला का उत्कृष्ट उदाहरण

राज्यपाल पटेल ने कहा कि जनजातीय जीवन, कला और संस्कृति से समृद्ध होता है। गोण्डी पेंटिंग समृद्ध जनजातीय कला का उत्कृष्ट उदाहरण है। उन्होंने परी बाजार हेरिटेज फेस्टिवल के 5वें संस्करण के लिए गोण्डी चित्रकला की थीम तैयार करने वाली पद्मश्री दुर्गाबाई का मंच से सम्मान किया। उन्होंने कहा कि प्रदेश के जनजातीय कलाकारों ने अपनी कला से देश और दुनियां भर में मध्यप्रदेश का मान बढ़ाया है।

टी.बी. रोगियों के इलाज की पहल में सहभागी बने

राज्यपाल पटेल ने कार्यक्रम में निक्षय मित्रों का मंच से सम्मान किया। उन्होंने सरकार के वर्ष 2025 में टी.बी. के पूर्ण उन्मूलन के संकल्प में सहभागिता के लिए बेगम्स ऑफ भोपाल क्लब की पहल की सराहना की। उन्होंने कहा कि दीन-दुखियों और रोगियों की सेवा पुण्य का कार्य है। यह ईश्वर की सेवा है। राज्यपाल पटेल ने आव्हान किया है कि टी.बी. उन्मूलन के लिए सामूहिक और आत्मीय प्रयासों की जरूरत है। प्रदेश के टी.बी. रोगियों के इलाज के लिए व्यक्तिगत और संस्थागत स्तर पर संवेदनशील होना जरूरी है।

राज्यपाल पटेल ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में देश में सामाजिक, आर्थिक और सांस्कृतिक विकास के नए युग का अभ्युदय हुआ है। उनका विज़न सबके विश्वास, साथ, प्रयासों से देश को समर्थ, सशक्त और समृद्ध बनाने का है। उन्होंने कहा कि पारंपरिक कारीगरों को आर्थिक रूप से सशक्त बनाने, केंद्र सरकार की प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना महत्वपूर्ण है। योजना के तहत बेसिक और एडवांस्ड ट्रेनिंग नि:शुल्क दी जा रही है। ट्रेनिंग में 500 रूपये प्रतिदिन की दर से शिष्यवृत्ति टूलकिट खरीदने के लिए 15 हज़ार रुपये का सहायता वाउचर भी दिया जाता है। कारीगरों एवं शिल्पकारों को व्यवसाय, दुकान या आउटलेट स्थापित करने बैंक लिंकेज और कम ब्याज दर पर 3 लाख रुपये तक का कर्ज दिया जाता है। कैशलेस लेन-देन के प्रोत्साहन के लिए हर डिजिटल लेन-देन पर इनाम भी दिया जाता है। उत्पादों को बेचने ‘सेल प्लेटफार्म’ भी मुहैया कराया जाता है।

राज्यपाल पटेल ने कहा कि ग्रामीण, पारम्परिक और स्थानीय कलाकारों के उत्पादों की मांग को जी.आई. टैगिंग और वोकल फॉर लोकल जैसी पहल ने नई ऊर्जा प्रदान की है। शिल्पकारों कारीगरों को देश-दुनिया के विशेषज्ञों का मार्गदर्शन उपलब्ध कराने के लिए क्लब को आगे आना चाहिए। इससे हुनरमंद कारीगर और शिल्पकार वैश्विक बाजार की मांग के अनुरूप, गुणवत्तापूर्ण उत्पादन को सफलतापूर्वक तैयार कर सकेंगे। उन्होंने कहा कि टेक्नों-फ्रैंडली नई पीढ़ी के युवाओं को, शिल्पकारों और कारीगरों के स्व-सहायता समूह के गठन और स्टार्ट-अप स्थापना के लिए भी प्रेरित किया जाए।

राज्यपाल मंगुभाई पटेल का कार्यक्रम में शॉल और स्मृति चिन्ह भेंट कर अभिनंदन किया गया। स्वागत उद्बोधन बेगम्स ऑफ भोपाल क्लब की अध्यक्ष श्रीमती रखशां जाहिद ने दिया। जनजातीय कार्य विभाग की उप सचिव और वन्या प्रकाशन की एम.डी. मीनाक्षी सिंह ने सरकार द्वारा जनजातीय कला और कलाकारों के संरक्षण और प्रोत्साहन प्रयासों की जानकारी दी। चिरायु चेरेटेबल ट्रस्ट के अध्यक्ष डॉ. अजय गोयनका ने स्थानीय कलाकारों और शिल्पकारों को मंच प्रदान करने की पहल के लिए क्लब को बधाई दी। आभार क्लब की सचिव तमसीन खान ने किया।

#dailyaawaz #newswebsite #news #newsupdate #hindinews #breakingnews #headlines #headline #newsblog #hindisamachar #latestnewsinhindi

Hindi news, हिंदी न्यूज़ , Hindi Samachar, हिंदी समाचार, Latest News in Hindi, Breaking News in Hindi, ताजा ख़बरें

News & Image Source: mpinfo.org

Google search engine

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here